प्रधानमंत्री मोदी ने रेडियो पर 'मन की बात' कार्यक्रम में कहा कि देश में कोरोना के ख़िलाफ़ लड़ाई 'पीपल-ड्रिवेन' है यानी जनता लड़ रही है। उन्होंने कहा कि देश में लोग एक-दूसरे का सहयोग करने के लिए आगे आ रहे हैं। उन्होंने इस लड़ाई में डॉक्टर, नर्स सहित सभी स्वास्थ्य कर्मियों और पुलिस की भागीदारी की भी तारीफ़ की और कहा कि इस लड़ाई में उनका योगदान अहम है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस लड़ाई को हम मिलकर लड़ेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े लोगों और कोरोना वारियर्स पर हमला करने वाले और उन्हें नुक़सान पहुँचाने वालों के ख़िलाफ़ नया क़ानून लाया गया है। ऐसे लोगों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की जाएगी।पीएम ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान पुलिस बहुत बढ़िया काम कर रही है। पुलिस ज़रूरतमंदों को खाना पहुँचा रही है। मोदी ने कहा कि इस लॉकडाउन के दौरान पुलिस का मानवीय चेहरा दिखा है। पुलिस के प्रति लोगों की सोच में बदलाव आया है। उन्होंने ने कहा कि दवाओं की आपूर्ति में डाक विभाग की सेवाएँ काफ़ी अहम हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ग़रीबों के खातों में सीधे पैसा पहुँच रहा है।
राज्य सरकारों की तारीफ़
प्रधानमंत्री ने कोरोना वायरस के ख़िलाफ़ लड़ाई में सभी राज्य सरकारों और स्थानीय प्रशासन की जमकर तारीफ़ की। उन्होंने कहा कि इनके कार्य उदाहरण पेश करने वाले हैं और ये कोरोना को नियंत्रित करने के लिए कोई भी कसर नहीं छोड़ रहे हैं।रमज़ान का भी ज़िक्र
कोरोना से त्योहार मनाने का स्वरूप बदला है और लोग सादगी से अपने घरों में त्योहार मना रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, 'रमज़ान का भी पवित्र महीना शुरू हो गया है। किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि रमज़ान में इतनी बड़ी मुसीबत होगी। लेकिन जब विश्व में मुसीबत आ ही गई है तो हमें इसे सेवाभाव की मिसाल देनी है। हम पहले से ज़्यादा इबादत करें और कोरोना के ख़िलाफ़ लड़ाई को मज़बूत करें।' उन्होंने कहा, 'मैं प्रार्थना करता हूँ कि ईद से पहले कोरोना वायरस ख़त्म हो जाएगा'। प्रधानमंत्री ने अक्षय तृतीय पर्व का भी ज़िक्र किया। उन्होंने जैन धर्म के तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव का भी ज़िक्र किया।बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने पिछली बार 29 मार्च को 'मन की बात' संबोधन में लॉकडाउन से आने वाली दिक्कतों के लिए माफ़ी माँगी थी। उन्होंने कहा था, '...सबसे पहले मैं देशवासियों से क्षमा माँगता हूँ। और मेरी आत्मा कहती है कि आप ज़रूर क्षमा करेंगे। क्योंकि कुछ ऐसे निर्णय लेने पड़े हैं जिसकी वजह से आपको कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है...।' उन्होंने कहा था कि लॉकडाउन ज़रूरी था। तब प्रधानमंत्री ने उस कार्यक्रम में सिर्फ़ कोरोना वायरस पर संबोधित किया, जबकि आम तौर पर इस कार्यक्रम में कई विषय शामिल होते हैं।
फ़िलहाल कोरोना वायरस काफ़ी तेज़ी से फैल रहा है और इसको लेकर देश भर में खौफ का माहौल है। इसको फैलने से रोकने के लिए पिछले महीने प्रधानमंत्री ने पूरे देश भर में 21 दिनों के लिए लॉकडाउन किया था जिसे बाद में बढ़ाकर 3 मई तक के लिए कर दिया गया है।
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