अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप की यात्रा को लेकर जैसा पहले से अंदेशा जताया जा रहा था वैसा ही हुआ। यानी रक्षा सौदे पर सहमति बनी, लेकिन दूसरे व्यापारिक मुद्दों पर सिर्फ़ बात हुई और रिश्ते मज़बूत करने की बात कही गई। हालाँकि एनर्जी सेक्टर में भी सौदा हुआ, लेकिन उसमें भी अमेरिका अपना सामान भारत को ही बेचेगा। यानी ट्रंप आए और रक्षा से जुड़े अपने सामान तो उन्होंने भारत को बेच दिया लेकिन व्यापार में जब भारत को कुछ देने की बारी आई तो सिर्फ़ बातें बनाई गईं। ट्रंप के दो दिवसीय दौरे के बाद संयुक्त बयान में कहा गया है कि अमेरिका के साथ तीन बिलियन डॉलर यानी क़रीब 21 हज़ार करोड़ रुपये का रक्षा सौदा हुआ है। लेकिन इसके साथ ही ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार सौदा अभी भी किया जाना बाक़ी है और वे इस पर बातचीत की शुरुआत करेंगे।
ट्रंप दौरा: 3 बिलियन डॉलर की डिफ़ेंस डील तो हुई, व्यापार सौदा क्यों नहीं?
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- 25 Feb, 2020
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप की यात्रा को लेकर जैसा पहले से अंदेशा जताया जा रहा था वैसा ही हुआ। यानी रक्षा सौदे पर सहमति बनी, लेकिन दूसरे व्यापारिक मुद्दों पर सिर्फ़ बात हुई और रिश्ते मज़बूत करने की बात कही गई।

यानी वह बात बिल्कुल सही साबित हुई कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप की नज़र भारत की सामरिक ज़रूरतों पर टिकी हुई है और वे ज़्यादा से ज़्यादा अमेरिकी हथियार भारत को बेचना चाहते हैं। ट्रंप ने अपनी यात्रा के पहले दिन अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम में अपने भाषण के दौरान उन्होंने यह कहा भी था। उन्होंने अपने भाषण में खुल कर कहा था कि वह भारत को रक्षा उपकरण और इससे जुड़ी चीजें बेचना चाहते हैं।