प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नए संसद भवन का उद्घाटन किया और लोकसभा अध्यक्ष के आसन के पास एक ऐतिहासिक राजदंड 'सेंगोल' स्थापित किया। इस अवसर पर पूजा व बहुधार्मिक प्रार्थना का आयोजन किया गया। उन्होंने नए भवन के लिए एक स्मारक पट्टिका का भी अनावरण किया। इस कार्यक्रम में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला और अधीनम संत मौजूद थे। संतों ने इससे पहले पीएम मोदी को 'सेंगोल' सौंपा था, जो पीएम खुद नए संसद भवन में लेकर गए और उद्घाटन से पहले स्थापित किया।
एनडीटीवी के मुताबिक प्रधानमंत्री आज नए संसद भवन का उद्घाटन करने वाले हैं। इस कार्यक्रम में करीब 60 धर्मगुरुओं को भी आमंत्रित किया गया है। नया संसद भवन 1927 में बने वर्तमान भवन की तुलना में अधिक स्थान प्रदान करता है। उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर के कालीनों, त्रिपुरा के बांस के फर्श और राजस्थान के पत्थर की नक्काशी के साथ, नया संसद भवन "भारत की विविध संस्कृति को दर्शाता है"।
इंटीरियर में तीन राष्ट्रीय प्रतीक हैं - कमल, मोर और बरगद का पेड़ - इसकी थीम के रूप में। त्रिकोणीय आकार के चार मंजिला संसद भवन का निर्मित क्षेत्र 64,500 वर्गमीटर है। भवन के तीन मुख्य द्वार हैं- ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार।
वर्तमान संसद भवन 1927 में बनकर तैयार हुआ था और यह लगभग एक सदी पुराना है।
एनडीटीवी के मुताबिक टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड द्वारा निर्मित नए संसद भवन में भारत की लोकतांत्रिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए एक भव्य संविधान हॉल, सांसदों के लिए एक लाउंज, एक पुस्तकालय, कई समिति कक्ष, भोजन क्षेत्र और पर्याप्त पार्किंग स्थान है।
देश के करीब 20 विपक्षी दलों ने इस कार्यक्रम के बहिष्कार की घोषणा की है।
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