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लोग मास्क पहनें, अधिकारी टेस्टिंग बढ़ाएँ: पीएम मोदी

चीन में कोरोना से आई तबाही और भारत में बीएफ 7 सब-वैरिएंट के मामले मिलने के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक की। उन्होंने जीनोम सिक्वेंसिंग पर ध्यान देने और देश भर में परीक्षण बढ़ाने के साथ निगरानी को मजबूत करने का आह्वान किया। हालाँकि उन्होंने मास्क को ज़रूरी किए जाने जैसा फ़ैसला नहीं लिया, लेकिन उन्होंने लोगों को मास्क पहनने की सलाह दी और उन्हें ऐसा करने का आग्रह किया।

प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान में कहा गया है कि पीएम ने बैठक के दौरान राज्यों से अस्पताल के बुनियादी ढांचे की परिचालन को तैयार रहने के लिए सुनिश्चित करने के लिए कहा। उन्होंने लोगों से कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करने और मास्क पहनने को भी कहा। उन्होंने बयान में कहा, 'कोविड अभी ख़त्म नहीं हुआ है। विशेष रूप से अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर चल रहे निगरानी उपायों को मजबूत करें। ऑक्सीजन सिलेंडर, वेंटिलेटर और कर्मचारियों सहित अस्पताल के बुनियादी ढांचे की तैयारी सुनिश्चित करने के लिए ऑडिट करें।'

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कोविड पर सरकार के बजाय दाएं-बाएं बताया जा रहा है कि खतरा गंभीर है, जबकि सरकार ठीक से भी नहीं कह पा रही है कि मास्क लगाना आवश्यक किया जा रहा है। हालांकि नए वायरस के बी एफ 7 के चार केस सितंबर और नवंबर में मिले थे। लेकिन अब उसी का हवाला देकर सारी बातें कही जा रही हैं, लेकिन उस वायरस के मरीज घर पर हुए इलाज से ही ठीक हो गए थे। अब इस कोरोना का संदेश राजनीतिक ज्यादा होता जा रहा है। कोरोना को लेकर आज 22 दिसंबर को केंद्र सहित कई राज्यों ने समीक्षा बैठकें कीं। उन समीक्षा बैठकों में क्या हुआ, उसकी जो खबरें आ रही हैं, उसे जानकार अंदाजा लगाया जा सकता है कि कोरोना को लेकर दरअसल सरकार क्या चाहती है।

प्रधानमंत्री को बताया गया कि भारत में मामलों में लगातार गिरावट देखी जा रही है। औसत दैनिक मामले 153 से नीचे हैं - जबकि पिछले छह हफ्तों के वैश्विक आंकड़े 5.9 लाख रहे हैं।

pm modi corona review meeting decisions  - Satya Hindi

दो तस्वीरें बहुत कुछ बता रही हैं

इन दो तस्वीरों को गौर से देखिए। एक तस्वीर आज राज्यसभा से है, जहां पीएम मोदी और तमाम बीजेपी सांसद मास्क पहन कर संसद में आए हैं। इसके जरिए कोरोना की गंभीरता बताने की कोशिश की गई। पहली तस्वीर ऊपर लगी हुई है जो राज्यसभा से है। अब दूसरी तस्वीर के लिए यूपी के स्वास्थ्य मंत्री का ट्वीट देखिए। इन दोनों तस्वीरों को लेकर सोशल मीडिया पर खासी चर्चा है।

अब दूसरी तस्वीर लखनऊ की देखिए। इस तस्वीर को यूपी के स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने शाम को ट्वीट किया है। जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कोरोना बैठक की समीक्षा करते नजर आ रहे हैं। पाठक भी मौजूद हैं। तमाम अधिकारी बैठक में आए। किसी ने भी मास्क नहीं पहना। जाहिर सी बात है कि अभी कोरोना को लेकर यूपी सरकार कोई पैनिक नहीं फैलाना चाहती है लेकिन केंद्र सरकार ऐसा क्यों चाहती है। क्या भारत जोड़ो यात्रा ने सरकार को परेशान कर रखा है।

बाकी समीक्षा बैठकों की कहानी

दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल ने भी शाम को कोरोना समीक्षा बैठक की। बैठक के बाद उन्होंने कहा कि दिल्ली में बीएफ 7 वायरस का कोई केस अभी तक नहीं पाया गया है, इसलिए पैनिक में आने की जरूरत नहीं है। हमारे यहां पूरी तैयारी है। टेस्टिंग हो रही है। 
केजरीवाल ने कहा कि सौ फीसदी लोगों ने दिल्ली में वैक्सीन की दोनों डोज ले ली है। करीब 50 फीसदी लोगों ने बूस्टर डोज ले ली है। सावधानी के तौर पर बाकी लोग भी बूस्टर ले सकते हैं।

कर्नाटक ने गुरुवार को मास्क लगाना अनिवार्य घोषित कर दिया है। इसके अलावा इन्फुएलेंजा होने पर टेस्ट भी अनिवार्य कर दिया गया है। विदेश से आने वाले दो फीसदी यात्रियों की रैंडम चेकिंग भी शुरू कर दी गई है।

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यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी आज कोरोना समीक्षा बैठक की। जिसमें तय किया गया कि लोगों को मास्क पहनने के लिए जागरुक किया जाएगा। इसके बाद सोशल मीडिया पर योगी आदित्यनाथ के मास्क लगाने की अपील के पोस्टर नजर आए। यानी यूपी सरकार ने अभी तक कर्नाटक की तरह मास्क लगाना अनिवार्य घोषित नहीं किया है। इसके अलावा विदेश से आने वाले यात्रियों की भी कोरोना जांच होगी। योगी ने आज जो अपील जारी की है। उसमें उन्होंने कहा - प्रिय प्रदेश वासियो, बच्चों, बुजुर्गों व गंभीर रोग से ग्रसित लोगों का विशेष ध्यान रखें। भीड़-भाड़ वाले सार्वजनिक स्थलों पर मास्क के प्रति लोगों को जागरूक करें। यूपी सरकार द्वारा कोरोना संक्रमण की रोकथाम हेतु सभी संभव प्रयास निरंतर जारी हैं। आपकी सुरक्षा हमारी शीर्ष प्राथमिकता है।

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क़मर वहीद नक़वी
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