सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को ईडब्ल्यूएस कोटे की वैधता को लेकर बहस शुरू कर दी है। याचिकाकर्ताओं की ओर से जी मोहन गोपाल ने मंगलवार को अदालत में दलीलें पेश कीं। उन्होंने कहा कि 103वां संशोधन संविधान के साथ धोखाधड़ी है और जमीनी स्तर की हकीकत यह है कि यह देश को जाति के आधार पर बांट रही है। संविधान (103वें संशोधन) अधिनियम ने सरकारी नौकरियों और प्रवेश में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों यानी ईडब्ल्यूएस के लिए 10 प्रतिशत कोटे की व्यवस्था दी है। यह संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन करता है या नहीं, इसी सवाल को लेकर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है।
ईडब्ल्यूएस कोटे के लिए संशोधन संविधान से धोखा: याचिकाकर्ता
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- 13 Sep, 2022
आर्थिक रूप से कमजोर यानी इकनॉमिक वीकर सेक्शन (ईडब्ल्यूएस) कोटे के लिए 10 फ़ीसदी का आरक्षण क्या संविधान के मूल ढाँचे का उल्लंघन करता है? जानिए, याचिकाकर्ता की दलील।

ईडब्ल्यूएस के लिए 10% आरक्षण की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर मुख्य न्यायाधीश यू यू ललित के नेतृत्व में पांच-जजों की संविधान पीठ ने तीन प्रमुख मुद्दों की जाँच करने का फ़ैसला किया था। इसी को लेकर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई है।