धार्मिक पहचान धारण करने वाले राजनीतिक दलों के नामों और प्रतीकों को रद्द करने की मांग करने वाले याचिकाकर्ता को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसे केवल एक धर्म को लेकर ऐसी मांग नहीं करनी चाहिए बल्कि उसे धर्मनिरपेक्ष होना चाहिए।