संसद के मॉनसून सत्र के दौरान लोकसभा और राज्यसभा से कई विपक्षी सांसदों को निलंबित कर दिया गया है। इसके पीछे तर्क यह दिया गया है कि इन सांसदों का व्यवहार बेहद खराब था और वे सदन में हंगामा कर रहे थे।
संसद में हंगामा: विपक्ष में रहते हुए क्या तर्क देती थी बीजेपी?
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- 26 Jul, 2022
संसद में हंगामे को लेकर लोकसभा और राज्यसभा में बीजेपी के फ्लोर लीडर्स और नेताओं को अरुण जेटली और सुषमा स्वराज के पुराने बयानों को जरूर पढ़ लेना चाहिए।

यह बात सही है कि संसद में हंगामे की वजह से बहुत कीमती समय बर्बाद होता है और पैसे की भी बर्बादी होती है। लेकिन जब बीजेपी विपक्ष में थी तब वह संसद में जमकर हंगामा करती थी, इसे बाधित करती थी और इसके बचाव में क्या तर्क देती थी, इस बारे में जानना जरूरी है।
जनवरी, 2011 में राज्यसभा में विपक्ष के तत्कालीन नेता अरुण जेटली ने रांची में कहा था कि संसद का काम चर्चा कराना है लेकिन कई बार मुद्दों को नजरअंदाज कर दिया जाता है और ऐसे हालात में संसद में गतिरोध होना लोकतंत्र के पक्ष में होता है। जेटली ने कहा था कि इसलिए संसद का बाधित होना अलोकतांत्रिक नहीं है।