संसद की एक समिति ने किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए कई सिफारिशें की हैं। जिसमें किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) को मौजूदा 6,000 रुपये से दोगुना करके 12,000 रुपये प्रति वर्ष करने और किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी देना भी शामिल है। पिछले साल पंजाब और हरियाणा में किसानों के विरोध प्रदर्शन के बाद केंद्र ने इस समिति का गठन किया था और सिफारिशें देने को कहा था।
कांग्रेस सांसद चरणजीत सिंह चन्नी की अध्यक्षता में कृषि, पशुपालन और खाद्य प्रसंस्करण संबंधी स्थायी समिति ने कृषि मंत्रालय की 'अनुदान मांगों (2024-25)' पर अपनी पहली रिपोर्ट (अठारहवीं लोकसभा) में ये सिफारिशें की हैं। किसान कल्याण विधेयक मंगलवार को लोकसभा में पेश किया गया था।
संसदीय समिति ने कृषि एवं किसान कल्याण विभाग का नाम बदलकर 'कृषि, किसान एवं खेत मजदूर कल्याण विभाग' करने की भी सिफारिश की है।
समिति ने इस बात पर जोर दिया है कि “किसानों को कानूनी गारंटी के रूप में एमएसपी लागू करने के लिए जल्द से जल्द एक रोडमैप घोषित करने की जरूरत है।”
समिति ने कहा कि किसी भी घोषणा करने से पहले किसानों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की जाए। समिति का मानना है कि कृषि उपज पर अंतरराष्ट्रीय आयात-निर्यात नीति बदलने से किसानों को नुकसान होता है। समिति दृढ़ता से सिफारिश करती है कि सीएसीपी (कृषि लागत और मूल्य आयोग) की तर्ज पर एक स्थायी निकाय/संस्था बनाई जा सकती है और कृषि विशेषज्ञों के साथ किसानों के प्रतिनिधियों को अनिवार्य रूप से इसमें शामिल किया जा सकता है। कुल मिलाकर समिति यह चाहती है कि किसानों के लिए जो भी नीति बने, उसमें किसान प्रतिनिधि भी हों।
समिति ने किसानों और खेतिहर मजदूरों का कर्ज माफ करने के लिए एक योजना शुरू करने की भी सिफारिश की है। इसने खेत मजदूरों को लंबे समय से लंबित अधिकार देने के लिए जल्द से जल्द खेत मजदूरों के लिए न्यूनतम जीवनयापन मजदूरी के लिए एक राष्ट्रीय आयोग स्थापित करने की भी सिफारिश की।
समिति ने यह भी सिफारिश की कि सरकार केंद्र सरकार की स्वास्थ्य बीमा योजना - प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जेएवाई) की तर्ज पर 2 हेक्टेयर तक की भूमि वाले छोटे किसानों को अनिवार्य फसल बीमा प्रदान करने की संभावना तलाशी जाए। इस योजना का फायदा अभी देश के नागरिकों को दिया जा रहा है। लेकिन किसानों के लिए अलग से इसी तरह का उपाय करने को कहा गया है।
पीएम-किसान योजना के तहत, पात्र किसान परिवारों को हर चार महीने पर तीन समान किस्तों (प्रत्येक किस्त 2,000 रुपये) के हिसाब से 6,000 रुपये हर साल मिलते हैं। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले 24 फरवरी, 2019 को लॉन्च की गई पीएम-किसान योजना में केंद्र से 100 प्रतिशत फंडिंग है। धनराशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में ट्रांसफर की जाती है। अब अगर यह राशि 12000 सालाना कर दी जाये तो कम से कम एक किसान को एक हजार रुपये तो मिल ही सकते हैं। हालांकि यह राशि भी बहुत ज्यादा नहीं है।
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