क्या पाकिस्तान कभी हाफिज सईद को भारत को सौंप सकता है? वह भी तब जब दोनों देशों के बीच प्रत्यर्पण संधि नहीं है? ऐसे में हाफिज सईद के प्रत्यर्पण के लिए भारत के आग्रह का क्या जवाब पहले से तय नहीं था?
पाकिस्तान ने शुक्रवार को पुष्टि की कि भारत ने लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद के प्रत्यर्पण की मांग की है, लेकिन इसके साथ ही उसने कह दिया कि दोनों देशों के बीच कोई द्विपक्षीय प्रत्यर्पण संधि नहीं है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज ज़हरा बलूच ने कहा कि भारत का अनुरोध मिला है। एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार मुमताज ज़हरा बलूच ने एक बयान में कहा, 'पाकिस्तान को भारतीय अधिकारियों से एक अनुरोध मिला है, जिसमें तथाकथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हाफिज सईद के प्रत्यर्पण की मांग की गई है।' उन्होंने कहा, 'यह ध्यान रखना चाहिए कि पाकिस्तान और भारत के बीच कोई द्विपक्षीय प्रत्यर्पण संधि नहीं है।'
2008 के मुंबई हमले का मास्टरमाइंड और संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादी हाफिज सईद भारतीय जांच एजेंसियों द्वारा कई आतंकी मामलों में वांछित है। 26 नवंबर, 2008 को चार दिनों के दौरान किए गए हमलों में 166 लोग मारे गए थे और 300 घायल हो गए थे। शुक्रवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि पाकिस्तान स्थित सईद के प्रत्यर्पण का अनुरोध कुछ दस्तावेजों के साथ हाल ही में इस्लामाबाद को भेजा गया था।
दो देशों के बीच इस तरह का कोई प्रत्यर्पण समझौता नहीं होने के बाद भी प्रत्यर्पण संभव है।
पाकिस्तान में कट्टरपंथी मौलवी सईद को जुलाई 2019 में काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट द्वारा उसके और उसके करीबी सहयोगियों के खिलाफ 23 एफआईआर दर्ज होने के बाद गिरफ्तार किया गया था। उसे अप्रैल 2022 में आतंकवाद विरोधी अदालत द्वारा आतंक वित्तपोषण के दो मामलों में 33 साल की संयुक्त सजा दी गई थी।
हाफिज सईद भारत के सबसे वांछित आतंकवादियों में से एक है और 26/11 के मुंबई हमलों को लेकर अमेरिका ने उस पर 10 मिलियन डॉलर का इनाम रखा है।
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