सीएए को अब अधिसूचित किए जाने को विपक्षी दलों ने बीजेपी की वोट बैंक की राजनीति और इलेक्टोरल बॉन्ड के खुलासे पर पर्दा डालने का प्रयास बताया है। कांग्रस ने कहा है कि 'सीएए के नियमों को अधिसूचित करने में लिया गया इतना समय प्रधानमंत्री के सफ़ेद झूठ की एक और झलक है।'