क्या तमिलनाडु के मंत्री सेंथिल बालाजी की ईडी द्वारा गिरफ़्तारी एक के बाद एक विपक्षी दलों के नेताओं के ख़िलाफ़ हो रही केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई का हिस्सा है? आख़िर इसको विपक्षी दलों ने बदले की कार्रवाई और एजेंसियों का दुरुपयोग क़रार क्यों दिया है? तमिलनाडु में इस मंत्री के ख़िलाफ़ कार्रवाई से एक दिन पहले ही बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी को ईडी ने शिक्षक भर्ती घोटाले में पूछताछ के लिए तलब किया था। इससे पहले टीएमसी के अन्य नेता, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, आप नेता मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन, बिहार के पूर्व सीएम लालू यादव, राबड़ी देवी व तेजस्वी यादव, तेलंगाना के सीएम केसीआर की बेटी, उद्धव खेमे वाली शिवसेना के नेता संजय राउत जैसे नेता केंद्रीय एजेंसियों के निशाने पर रहे हैं।
'विपक्ष पर एजेंसियों का दुरुपयोग', विपक्ष के आरोप का आधार क्या?
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- 14 Jun, 2023
तमिलनाडु के मंत्री सेंथिल बालाजी की ईडी की गिरफ्तारी के बाद से फिर से बीजेपी सरकार विपक्षी दलों के निशाने पर है। जानिए, वे आख़िर किस आधार पर आरोप लगा रहे हैं कि केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग हो रहा है।

यही नहीं, सरकार से सवाल पूछने वाले भी केंद्रीय एजेंसियों के निशाने पर आए हैं। बीजेपी सरकार के दौरान राज्यपाल बनाए गए सत्यपाल मलिक के पीछे भी हाल में सीबीआई पड़ी थी। तो सवाल है कि क्या सच में केंद्रीय एजेंसियों द्वारा की गई कार्रवाई के 95 फ़ीसदी मामले विपक्षी दलों पर रहे हैं?