कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने रविवार को केंद्र के 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' अभियान पर हमला बोलते हुए इसे भारतीय संघ और उसके सभी राज्यों पर हमला बताया। राहुल ने कहा- “भारत राज्यों का एक संघ है। 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' का विचार संघ और उसके सभी राज्यों पर हमला है।”
केंद्र ने शुक्रवार को लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव एकसाथ कराने की संभावना तलाशने के लिए एक पैनल की घोषणा की। पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस के लोकसभा नेता अधीर रंजन चौधरी, पूर्व विपक्ष के नेता राज्यसभा गुलाम नबी आज़ाद, 15 वें वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एनके सिंह, पूर्व लोकसभा महासचिव सुभाष कश्यप, वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी शामिल हैं। कानून राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में उच्च स्तरीय समिति की बैठकों में भाग लेंगे।
पैनल को संविधान और अन्य वैधानिक प्रावधानों के तहत मौजूदा ढांचे को ध्यान में रखते हुए लोकसभा, राज्य विधानसभाओं, नगर पालिकाओं और पंचायत चुनावों को एक साथ आयोजित करने की पड़ताल, उनके व्यावहारिक पक्ष के बारे में अपनी रिपोर्ट देना है।
विपक्ष को विश्वास में लिए बिना ऐसी सरकारी घोषणा को चुनौती तब मिली जब कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने हमला बोला। अधीर ने पैनल में शामिल होने से इनकार कर दिया है। अधीर रंजन चौधरी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लिखे पत्र में कहा- "मुझे उस समिति में काम करने से इनकार करने में कोई झिझक नहीं है, जिसके संदर्भ की शर्तों को इसके निष्कर्षों की गारंटी देने के लिए तैयार किया गया है। मुझे डर है कि यह पूरी तरह से धोखा है। इसके अलावा, संवैधानिक स्वरूप को संदिग्ध तरीके से अचानक धकेलने का प्रयास है। अधीर ने पत्र में कहा, आम चुनाव से कुछ महीने पहले राष्ट्र पर गैर व्यावहारिक और तार्किक रूप से लागू न होने वाला विचार, सरकार के गुप्त उद्देश्यों के बारे में गंभीर चिंता पैदा करता है।
आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने एएनआई से कहा, ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार डर गई है। वे किसी भी तरह जीतना चाहते हैं। भारत गठबंधन बनने के बाद वे सरकार बनाने के लिए नए तरीके सोच रहे है।'
आम आदमी पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा गया- देश को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए सबसे ज्यादा क्या जरूरी है?
One Nation, One Election
या फिर
One Nation, One Education, One Healthcare जिसके तहत अमीर-गरीब सभी को एक समान बेहतरीन और मुफ़्त शिक्षा और विश्वस्तरीय इलाज मिले।
One Nation One Election से आम आदमी को कुछ नहीं मिलेगा।
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि समिति की नियुक्ति की अधिसूचना है पर गौर करें। यह स्पष्ट है कि यह महज एक औपचारिकता है और सरकार पहले ही इसे आगे बढ़ाने का फैसला कर चुकी है। एक राष्ट्र एक चुनाव बहुदलीय संसदीय लोकतंत्र और संघवाद के लिए विनाशकारी होगा।
ओवैसी ने कहा- आगामी राज्यों के चुनावों के कारण मोदी को गैस की कीमतें कम करनी पड़ीं। वो एक ऐसा परिदृश्य चाहते हैं, जहां अगर वो चुनाव जीतते हैं, तो अगले पांच साल बिना किसी जवाबदेही के जनविरोधी नीतियों को आगे बढ़ाने में बिताएं।
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