कोरोना वायरस के ख़िलाफ़ लड़ाई में जुटे डॉक्टरों की तनख्वाह नहीं मिलने और रहने की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 'युद्ध में आप योद्धाओं को नाख़ुश नहीं करते हैं। अतिरिक्त प्रयास करें और उनकी शिकायतों को दूर करने के लिए कुछ अतिरिक्त धनराशि जुटाएँ।' इसके साथ ही अदालत ने यह भी साफ़ कर दिया कि स्वास्थ्य कर्मियों को वेतन का भुगतान नहीं करने के मामले में अदालतों को शामिल नहीं होना चाहिए और सरकार को इस मुद्दे को सुलझाना चाहिए।
डॉक्टरों के सैलरी बकाये पर सुप्रीम कोर्ट बोला- युद्ध में योद्धाओं को नाख़ुश नहीं करते
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- 12 Jun, 2020
कोरोना वायरस के ख़िलाफ़ लड़ाई में जुटे डॉक्टरों की तनख्वाह नहीं मिलने और रहने की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 'युद्ध में आप योद्धाओं को नाख़ुश नहीं करते हैं।

सुप्रीम कोर्ट एक डॉक्टर की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसने आरोप लगाया था कि कोविड-19 के ख़िलाफ़ लड़ाई में लगे फ्रंट लाइन स्वास्थ्य कर्मियों को वेतन नहीं दिया जा रहा है या उनके वेतन में कटौती की जा रही है या फिर देरी हो रही है। डॉक्टर ने केंद्र सरकार के 14-दिवसीय क्वॉरेंटीन को ग़ैर-ज़रूरी बनाने के नए एसओपी पर भी सवाल उठाया।