इजराइली कंपनी एनएसओ के पेगासस स्पाइवेयर पर हंगामा मचा है। आरोप लगाए जा रहे हैं कि इसके माध्यम से दुनिया भर में लोगों पर जासूसी कराई गई। 'द गार्डियन', 'वाशिंगटन पोस्ट', 'द वायर' सहित दुनिया भर के 17 मीडिया संस्थानों ने पेगासस स्पाइवेयर के बारे में खुलासा किया है। एक लीक हुए डेटाबेस के अनुसार इजरायली निगरानी प्रौद्योगिकी फर्म एनएसओ के कई सरकारी ग्राहकों द्वारा हज़ारों टेलीफोन नंबरों को सूचीबद्ध किया गया था। द वायर के अनुसार इसमें 300 से अधिक सत्यापित भारतीय मोबाइल टेलीफोन नंबर शामिल हैं। ये नंबर मंत्री, विपक्ष के नेता, पत्रकार, क़ानूनी पेशे से जुड़े, व्यवसायी, सरकारी अधिकारी, वैज्ञानिक, अधिकार कार्यकर्ता और अन्य से जुड़े हैं। 'द वायर' ने इन नामों को सार्वजनिक किया है-
पत्रकार
- एम.के. वेणु: द वायर के संस्थापक संपादक।
- सुशांत सिंह: पूर्व इंडियन एक्सप्रेस के पत्रकार जो राष्ट्रीय सुरक्षा पर लिखते हैं।
- सिद्धार्थ वरदराजन: द वायर के संस्थापक संपादक।
- परंजॉय गुहा ठाकुरता: पूर्व ईपीडब्ल्यू संपादक।
- एस.एन.एम. आब्दी : आउटलुक के पूर्व पत्रकार।
- विजयेता सिंह: गृह मंत्रालय को कवर करने वाली हिंदू की पत्रकार।
- स्मिता शर्मा: विदेश मामलों की रिपोर्टिंग करने वाली पत्रकार।
- शिशिर गुप्ता: हिंदुस्तान टाइम्स के कार्यकारी संपादक।
- रोहिणी सिंह: स्वतंत्र पत्रकार जो द वायर के लिए लिखती हैं।
- देवीरूपा मित्रा: द वायर के राजनयिक संपादक।
- प्रशांत झा: हिंदुस्तान टाइम्स के संपादक।
- प्रेम शंकर झा: एक अनुभवी पत्रकार। द वायर के लिए लिखते रहे हैं।
- स्वाति चतुर्वेदी: स्वतंत्र पत्रकार जो कई मीडिया संस्थानों के लिए लिखती हैं।
- राहुल सिंह: हिंदुस्तान टाइम्स के रक्षा संवाददाता।
- औरंगजेब नक्शबंदी: हिंदुस्तान टाइम्स के एक पूर्व राजनीतिक रिपोर्टर।
- रितिका चोपड़ा: इंडियन एक्सप्रेस की एक पत्रकार जो शिक्षा व चुनाव आयोग कवर करती हैं।
- मुज़मिल जलील: इंडियन एक्सप्रेस के पत्रकार जो कश्मीर को कवर करते हैं।
- संदीप उन्नीथन: इंडिया टुडे के पत्रकार जो रक्षा और भारतीय सेना पर रिपोर्ट करते हैं।
- मनोज गुप्ता: टीवी18 में जांच और सुरक्षा मामलों के संपादक।
- जे. गोपीकृष्णन: द पायनियर के एक खोजी रिपोर्टर, जिन्होंने 2जी घोटाला उजागर किया।
- सैकत दत्ता: पूर्व में एक राष्ट्रीय सुरक्षा रिपोर्टर।
- इफ्तिकार गिलानी: पूर्व डीएनए रिपोर्टर जो कश्मीर पर रिपोर्ट करते हैं।
- मनोरंजन गुप्ता: पूर्वोत्तर स्थित फ्रंटियर टीवी के प्रधान संपादक।
- संजय श्याम: बिहार के एक पत्रकार।
- जसपाल सिंह हेरन: पंजाबी दैनिक रोज़ाना पहरेदार के प्रधान संपादक।
- रूपेश कुमार सिंह: झारखंड के रामगढ़ में स्थित एक फ्रीलांस पत्रकार।
- दीपक गिडवानी: लखनऊ में डीएनए के पूर्व संवाददाता।
राजनेता या उनसे जुड़े व्यक्ति
- राहुल गांधी: कांग्रेस पार्टी के नेता।
- अलंकार सवाई: राहुल गांधी के क़रीबी।
- सचिन राव: राहुल गांधी के सहयोगी जो कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य हैं।
- प्रशांत किशोर: एक चुनावी रणनीतिकार।
- अभिषेक बनर्जी: टीएमसी सांसद जो पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे हैं।
- अश्विनी वैष्णव: एक पूर्व आईएएस अधिकारी जिन्हें हाल में कैबिनेट मंत्री बनाया गया।
- प्रहलाद सिंह पटेल: कैबिनेट मंत्री, उनकी पत्नी, सचिव, सहायक, रसोइया और माली आदि।
- प्रवीण तोगड़िया: विश्व हिंदू परिषद के पूर्व प्रमुख।
- प्रदीप अवस्थी: राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया के निजी सचिव।
- संजय काचरू: एक कॉर्पोरेट कार्यकारी व स्मृति ईरानी के जानकार।
- जी परमेश्वर: कर्नाटक में जद (एस)-कांग्रेस गठबंधन सरकार में उपमुख्यमंत्री।
- सतीश: कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी के निजी सचिव।
- वेंकटेश: पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के निजी सचिव।
- मंजूनाथ मुदगौड़ा: पूर्व प्रधानमंत्री और जद (एस) के अध्यक्ष एच.डी. देवेगौड़ा के सुरक्षाकर्मी।
संवैधानिक पद
- अशोक लवासा: पूर्व चुनाव आयुक्त थे।
सीबीआई अधिकारी और उनसे जुड़े लोग
- आलोक वर्मा: केंद्रीय जांच ब्यूरो के पूर्व प्रमुख। उनकी पत्नी, बेटी और दामाद सहित 8 लोग।
- राकेश अस्थाना: तत्कालीन सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी।
- ए.के. शर्मा: सीबीआई के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी।
व्यवसायी
- अनिल अंबानी: रिलायंस एडीएजी के अध्यक्ष।
- टोनी जेसुदासन: एडीएजी में कॉर्पोरेट संचार प्रमुख।
- वेंकट राव पोसिना: भारत में दसॉ एविएशन के प्रतिनिधि।
- इंद्रजीत सियाल: साब इंडिया के पूर्व प्रमुख।
- प्रत्युष कुमार: बोइंग इंडिया के प्रमुख।
- हरमनजीत नागी: फ्रांसीसी ऊर्जा फर्म ईडीएफ के प्रमुख।
कार्यकर्ता, वकील और शिक्षाविद
- हैनी बाबू एम.टी.: दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर जो एल्गार परिषद केस में आरोपी हैं।
- रोना विल्सन: मानवाधिकार कार्यकर्ता जो एल्गार परिषद मामले में एक अन्य आरोपी है।
- वर्नन गोंजाल्विस: एक अधिकार कार्यकर्ता। वह एल्गार परिषद मामले में भी आरोपी हैं।
- आनंद तेलतुम्बडे: नागरिक स्वतंत्रता कार्यकर्ता जो एल्गार परिषद मामले में आरोपी हैं।
- शोमा सेन: सेवानिवृत्त प्रोफेसर और एल्गार परिषद मामले में आरोपी।
- गौतम नवलखा: पत्रकार और एक्टिविस्ट जो एल्गार परिषद मामले में आरोपी हैं।
- अरुण फरेरा: एक वकील जो एल्गार परिषद मामले में भी आरोपी हैं।
- सुधा भारद्वाज : कार्यकर्ता और वकील और एल्गार परिषद मामले की आरोपी।
- पवना: तेलुगू कवि वरवर राव की बेटी, जो एल्गार परिषद मामले में आरोपी हैं।
- मीनल गाडलिंग: एल्गार परिषद मामले में आरोपी वकील सुरेंद्र गाडलिंग की पत्नी।
- निहालसिंह राठौड़: सुरेंद्र गाडलिंग के वकील और सहयोगी।
- जगदीश मेश्राम: एक और वकील जो सुरेंद्र गाडलिंग से जुड़े हैं।
- मारुति कुरवाटकर: यूएपीए कई मामलों में आरोपी। सुरेंद्र गाडलिंग से जुड़े रहे।
- शालिनी गेरा: एक वकील जिन्होंने सुधा भारद्वाज का प्रतिनिधित्व किया।
- अंकित ग्रेवाल: सुधा भारद्वाज के करीबी कानूनी सहयोगी।
- जैसन कूपर: केरल स्थित अधिकार कार्यकर्ता जो आनंद तेलतुम्बडे के मित्र हैं।
- रूपाली जाधव: सांस्कृतिक मंडली कबीर कला मंच की सदस्य।
- लालसु नागोटी: वकील जो महेश राउत का करीबी सहयोगी हैं, जो एल्गार परिषद मामले में आरोपी हैं।
- सोनी सोरी: आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता जो बस्तर में स्थित हैं।
- लिंगाराम कोडोपी: एक पत्रकार और सोनी सोरी के भतीजे।
- डिग्री प्रसाद चौहान: पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज के छत्तीसगढ़ प्रदेश अध्यक्ष।
- राकेश रंजन: श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स में सहायक प्रोफेसर।
- अशोक भारती: अखिल भारतीय आम्बेडकर महासभा के अध्यक्ष।
- उमर खालिद: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र।
- अनिर्बान भट्टाचार्य: जेएनयू का एक और पूर्व छात्र जिसे खालिद के साथ देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
- बंज्योत्सना लाहिड़ी: जेएनयू की छात्रा।
- बेला भाटिया: छत्तीसगढ़ में स्थित एक वकील और मानवाधिकार कार्यकर्ता।
- शिव गोपाल मिश्रा: रेलवे यूनियन के नेता।
- अंजनी कुमार: दिल्ली स्थित श्रम अधिकार कार्यकर्ता।
- आलोक शुक्ला: कोयला खनन विरोधी कार्यकर्ता और छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन के संयोजक।
- सरोज गिरी: दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर।
- शुभ्रांशु चौधरी: बस्तर स्थित कार्यकर्ता।
- संदीप कुमार राय: बीबीसी के पूर्व पत्रकार और ट्रेड यूनियन कार्यकर्ता।
- खालिद खान: संदीप कुमार राय के एक सहयोगी।
- इप्सा शताक्षी: झारखंड की एक कार्यकर्ता।
- एस.ए.आर. गिलानी : दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर जिन्हें संसद बम विस्फोट मामले में बरी कर दिया गया।
- जी. हरगोपाल: एक सेवानिवृत्त प्रोफेसर जो हैदराबाद विश्वविद्यालय में पढ़ाते थे।
- वसंत कुमारी: दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर।
- राकेश रंजन: दिल्ली विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर।
- जगदीप छोकर: वॉचडॉग एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स के सह-संस्थापक।
नागरिक
- सुप्रीम कोर्ट की एक पूर्व कर्मचारी: मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई से जुड़ी महिला।
पूर्वोत्तर में निशाना
- समुज्जल भट्टाचार्जी: अखिल असम छात्र संघ के सलाहकार और उच्च स्तरीय समिति के सदस्य।
- अनूप चेतिया: यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम के एक नेता।
- मालेम निंगथौजा: दिल्ली के एक लेखक जो मणिपुर से हैं।
नागा नेता
- अतेम वाशुम: एनएससीएन-इसाक मुइवा के एक नेता।
- अपम मुइवा: एनएससीएन (आई-एम) का एक और नेता जो गु. मुइवा का नवागंतुक।
- एंथनी शिमरे: एनएससीएन (आई-एम) की नागा सेना के कमांडर इन चीफ।
- फुनथिंग शिमरंग: एनएससीएन (आई-एम) की नागा सेना के पूर्व कमांडर इन चीफ।
- किटोवी झिमोमी: नागा राष्ट्रीय राजनीतिक समूहों (एनएनपीजी) के संयोजक।
वैज्ञानिक या स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े लोग
- गगनदीप कांग: भारत के अग्रणी वायरोलॉजिस्ट में से एक जो निपाह वायरस के खिलाफ लड़ाई में शामिल थे।
- हरि मेनन: बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के भारतीय प्रमुख।
भारत में तिब्बती अधिकारी, कार्यकर्ता
- टेम्पा सेरिंग: दलाई लामा के नई दिल्ली में लंबे समय तक दूत रहे।
- तेनज़िन तकला: दलाई लामा के वरिष्ठ सहयोगी।
- चिम्मी रिग्जेन: दलाई लामा के वरिष्ठ सहयोगी।
- लोबसंग सांगे: निर्वासन में तिब्बती सरकार के पूर्व प्रमुख।
इनके अलावा मेक्सिको के राष्ट्रपति एंड्रेस मैनुअल लोपेज ओब्रेडोर, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान सहित कई वैश्विक नेता और जमाल खाशोगी से जुड़े लोगों के फ़ोन भी निशाने पर रहे।
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