साल 2022 के नोबेल पुरस्कारों का एलान कर दिया गया है। भारत की ओर से ऑल्ट न्यूज़ के संपादक प्रतीक सिन्हा और सह संस्थापक मोहम्मद जुबैर का नाम भी नोबेल पुरस्कार जीतने वाले दावेदारों में शामिल था। लेकिन इन्हें यह पुरस्कार नहीं मिल सका। यह पुरस्कार मानवाधिकार कार्यकर्ता एलेस बियालियात्स्की को दिया गया है। वह उन राजनीतिक कैदियों में से एक हैं जो बेलारूस की जेल में बंद हैं।
जुबैर और प्रतीक सिन्हा को नहीं मिला नोबेल पुरस्कार
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- 7 Oct, 2022
मानवाधिकार कार्यकर्ता एलेस बियालियात्स्की को रूसी मानवाधिकार संगठन मैमोरियल और यूक्रेन के मानवाधिकार संगठन सेंटर फॉर सिविल लिबर्टीज के साथ इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

बियालियात्स्की को शुक्रवार को रूसी मानवाधिकार संगठन मैमोरियल और यूक्रेन के मानवाधिकार संगठन सेंटर फॉर सिविल लिबर्टीज के साथ इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
24 दिन जेल में रहे थे जुबैर
मोहम्मद जुबैर इस साल जुलाई में 24 दिनों तक जेल में रहे थे। सुप्रीम कोर्ट ने उनके ख़िलाफ़ 'आपत्तिजनक ट्वीट' के लिए दर्ज छह एफआईआर में उनकी तत्काल रिहाई का आदेश दिया था। जुबैर के खिलाफ उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी, सीतापुर, मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद और हाथरस में कुल मिलाकर 6 एफआईआर दर्ज की गई थीं। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में ज़ुबैर के खिलाफ दर्ज एफआईआर की जांच के लिए बनी एसआईटी को भंग कर दिया था। बता दें कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने जुबैर के खिलाफ दर्ज मामलों की जांच के लिए एसआईटी गठित की थी। दिल्ली पुलिस ने अदालत से कहा था कि ज़ुबैर की कंपनी को पाकिस्तान, सीरिया और अन्य खाड़ी देशों से चंदा मिलता है। पुलिस ने उनके खिलाफ आपराधिक साजिश रचने और सबूत नष्ट करने के आरोप लगाए थे।