राष्ट्रीय जांच एजेंसी
(एनआईए) ने कर्नाटक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता औऱ पूर्व शिक्षा मंत्री किम्माने
रत्नाकर से पूछताछ की। पूछताछ एक संदिग्ध आईएसआई आतंकवादी की दादी के खाते
में मिले दस लाख रुपयों को लेकर की गई। यह पैसा कर्नाटक के शिवमोगा जिले के
तीर्थहल्ली इलाके में कांग्रेस पार्टी द्वारा लीज पर ली गई एक बिल्डिंग के समझौते
के रूप में जमा कराया गया था। हालांकि इस सारे मामले में विवाद भी है। कर्नाटक
कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि किम्माने रत्नाकर के चुनाव क्षेत्र से गृह
मंत्री अरगा ज्ञानेंद्र का चुनाव लड़ना चाहते हैं, इसलिए सारी साजिश रची गई।
जांच एजेंसी शिवमोगा
क्षेत्र में आईएसआई के मॉड्यूल से प्रेरित एक आतंकी साजिश की जांच कर रही है। इसी
केस के वित्तीय लेनदेन से जुड़े मसले पर एजेंसी ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और
पूर्व शिक्षा मंत्री रत्नाकर किम्माने से पूछताछ की है।
कर्नाटक पुलिस सूत्रों
अनुसार एनआईए ने रत्नाकर से तीर्थहल्ली में 2015 में लीज पर लिए गए कांग्रेस पार्टी के कार्यालय के संबध
में पूछताछ की है। इस बिल्डिंग को लीज पर लेने के लिए कांग्रेस पार्टी ने दस लाख
रुपये जमा कराए थे। यह बिल्डिंग 23 वर्षीय मोहम्मद
शारिक के परिवार की है। 23 वर्षीय मोहम्मद
शारिक 19 नवंबर को मंगलुरु में एक
ऑटो-रिक्शा में दुर्घटनावश कुकर बम विस्फोट में घायल हुए हुआ था।
पुलिस सूत्रों के अनुसार,
रत्नाकर किम्माने से एनआईए की पूछताछ कारण यह
है कि इमारत के पट्टे के लिए जो समझौता किया गया था उसपर उनके रिश्तेदार के दस्तखत
हैं। इस मसले पर रत्नाकर का
कहना है कि शारिक के परिवार के साथ उनका संबध केवल मालिक और किरायेदार का है। यह
समझौता इस साल जून में खत्म हो रहा है। पुलिस सूत्रों ने इस जांच को वित्तीय
लेनदेन से संबधित बताया है।
कांग्रेस पार्टी ने
रत्नाकर से एनआईए की पूछताछ को राजनीति करण का आरोप लगाया जिसके पीछे गृह मंत्री
अरगा ज्ञानेंद्र का हाथ है। कांग्रेस पार्टी के नेता रमेश बाबू ने कहा कि गृह
मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र तीर्थहल्ली से अगला चुनाव हार रहे हैं, इसलिए वह किम्माने रत्मनाकर को बदनाम कर रहे
हैं। भाजपा कांग्रेस का विरोध मूल्यों के आधार पर नहीं कर पा रही है इसलिए उसके
नेताओं को बदनाम कर रही है।
एनआईए इस कथित आतंकी
साजिश में शामिल व्यक्तियों के वित्तीय लेनदेन की जांच कर रही है। शारिक ने दावा
किया कि उसने केवल किसी कर्नल नाम के हैंडलर से क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम में से
पैसा लिया था। पैसा देने वाले व्यक्ति ने अपनी असली पहचान नहीं बताई है।
कर्नाटक पुलिस ने हैंडलर
की पहचान शिवमोगा के तीर्थहल्ली के रहने वाला और इंजीनियर मतीन अहमद ताहा के रूप
में की है, जो 2020 से लापता है। एनआईए और कर्नाटक पुलिस ने बताया
कि वह 2020 से ही आईएसआईएस के साथ
जुड़ा हुआ था। एनआईए मंगलुरु विस्फोट
केस की भी जांच कर रही है। इस संबध में उसने पिछले हफ्ते मंगलुरु में हुए एक ऑटो
रिक्शा में विस्फोट से चार दिन पहले 15 नवंबर, 2022 को दर्ज
आईएसआईएस से प्रेरित कथित आतंकी साजिश के एक मामले के सिलसिले में आईएसआईएस के चार
कथित सदस्यों को भी गिरफ्तार किया है।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने
रेशान थाजुद्दीन शेख और हुजैर फरहान बेग को आईएसआईएस हैंडलर से धन प्राप्त करने के
आरोप में गिरफ्तार किया है। इसी केस में जांच एजेंसी ने इंजीनियरिंग के दो छात्रों
माजिन अब्दुल रहमान और नदीम अहमद को भी शिवमोगा जिले में आईएसआईएस की गतिविधियों
की साजिश का हिस्सा होने के आरोप में गिरफ्तार किया है।
जांच एजेंसी ने शिवमोगा
में कथित आईएसआईएस साजिश में मोहम्मद शारिक उसके दो सहयोगी माज मुनीर और सैयद
यासीन सहित कुल सात लोगों को गिरफ्तार किया है। एनआईए ने बताया कि जांच में पता
चला है कि आरोपी माज मुनीर ने माजिन अब्दुल रहमान को और सैयद यासीन ने भारत में
इस्लामिक स्टेट की आतंकवादी गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए नदीम के ए को भर्ती
किया।
सितंबर 2022 में शिवमोगा पुलिस द्वारा शुरूआती मामला दर्ज
किया था। बाद में एनआईए ने आतंकवादी साजिश
के मामले में प्राथमिकी दर्ज की थी। शिवमोगा पुलिस द्वारा शिवमोगा में एक बम
विस्फोट कराने के मामले में कथित संलिप्तता को लेकर शारिक (24), मुनीर (22) और यासीन (22) के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। बाद में सितंबर में माज और यासीन को गिरफ्तार
किया गया था। शारिक को 19 नवंबर को
मंगलुरु में एक ऑटोरिक्शा में दुर्घटनावश विस्फोट के तुरंत बाद गिरफ्तार कर लिया
गया था।
एनआईए ने बताया कि शारिक
और उसके साथियों ने प्रतिबंधित आईएसआईएस की गतिविधियों को आगे बढ़ाने तथा एकता,
सुरक्षा और अखंडता भंग करने तथा भारत के खिलाफ
युद्ध की साजिश रची। यह सभी गतिविधियां एक जनवरी से लेकर 19 सितंबर 2022 के बीच की गईं।
जांच एजेंसी ने बताया कि शारिक और उसके साथियों ने विस्फोटक बनाने के लिए कच्चा
माल एकत्र किया औऱ उससे बनाए गये बम को यासीन के घर के पास पड़ी खाली जगह पर उसका
प्रायोगिक परीक्षण किया। यहां पर उन्होंने भारत के राष्ट्रीय ध्वज को भी जलाया।
पिछले साल स्वतंत्रता
दिवस के दिन शिवमोगा शहर में हुई चाकूबाजी की एक घटना ने, शारिक के आपराधिक गतिविधियों की जानकारी दी, जिससे बाद में पुलिस को उसके द्वारा आईईडी
बनाने के प्रयासों में भागीदारी और चरमपंथी विचारधारा के साथ उसके संबंध होने का
आभास हुआ।
साल 2020 में मंगलुरु एक पुलिस स्टेशन की दीवार पर उत्तेजक
भित्तिचित्र लिखने के लिए 2021 में वह आठ महीने
तक जेल में रहा। जुलाई 2021 में उसे जमानत पर
रिहा किया गया था। शारिक बीकॉम का स्नातक का छात्र है।
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