राष्ट्रीय जाँच एजेंसी यानी एनआईए ने कहा है कि इसने इसलामिक स्टेट के सक्रिय सदस्य होने के आरोप में एक शख्स को दिल्ली के बटला हाउस से गिरफ़्तार किया है। इसने रविवार को इस मामले में जारी बयान में कहा है कि शनिवार को गिरफ्तार किए गए आरोपी की पहचान पटना निवासी मोहसिन अहमद के रूप में हुई है। वह इंजीनियरिंग प्रथम वर्ष का छात्र है। हालाँकि, मोहसिन के परिवार ने एनआईए के आरोपों का खंडन किया है।
एनआईए के आरोपों के अनुसार, इस शख्स की गिरफ़्तारी सुरक्षा एजेंसियों की कितनी बड़ी सफलता है? और इस शख्स की गिरफ़्तारी से कौन सा ख़तरा टला? इस सवाल का जवाब कुछ हद तक एनआई द्वारा जारी बयान से भी मिलता है। 'द इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के अनुसार, एनआईए ने आज जारी एक बयान में कहा है, 'आरोपी मोहसिन अहमद आईएसआईएस का कट्टर और सक्रिय सदस्य है। उसे भारत के साथ-साथ विदेशों में भी सहानुभूति रखने वालों से आईएसआईएस के लिए धन जुटाने में शामिल होने के लिए गिरफ्तार किया गया है। वह आईएसआईएस की गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए इन फंडों को सीरिया और अन्य स्थानों पर क्रिप्टोकरेंसी के रूप में भेज रहा था।'
बता दें कि मोहसिन की गिरफ़्तारी एजेंसी द्वारा 25 जून को दर्ज आईएसआईएस की ऑनलाइन और जमीनी गतिविधियों से संबंधित एक मामले में हुई है। इस मामले में हफ़्ते भर पहले अहमद के परिसर और अन्य जगहों पर तलाशी ली गई थी। एनआईए ने पिछले रविवार को इस मामले में छह राज्यों में 13 स्थानों पर तलाशी ली थी।
रिपोर्ट के अनुसार, एनआईए ने 6 राज्यों में संदिग्धों के 13 परिसरों की तलाशी ली थी। जिन जिलों में तलाशी ली गई थी उनमें मध्य प्रदेश में भोपाल, रायसेन; गुजरात में भरूच, सूरत, नवसारी व अहमदाबाद; बिहार में अररिया; कर्नाटक में भटकल व तुमकुर; महाराष्ट्र में कोल्हापुर व नांदेड़ और यूपी में देवबंद शामिल हैं।
एजेंसी ने कहा था कि तलाशी में 'आपत्तिजनक दस्तावेज/सामग्री' जब्त की गई थी। उसी दिन एनआईए ने केरल के तिरुवनंतपुरम ज़िले में एक साथिक बाचा उर्फ आईसीएएमए साथिक की गिरफ्तारी से संबंधित मामले में भी तलाशी ली थी। उसको इस साल फरवरी में तमिलनाडु में चार अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया गया था।
एनआईए के अनुसार, आरोपियों ने आम जनता और पुलिस अधिकारियों को धमकाने की साजिश रची थी और 21 फरवरी 2022 को उनकी स्कॉर्पियो कार की चेकिंग के दौरान पुलिस कर्मियों की हत्या का प्रयास भी किया था।
तब बयान में कहा गया था कि "आरोपी व्यक्ति भारत के एक हिस्से के अलगाव के लिए घृणा भड़काने में भी शामिल थे और 'खिलाफत पार्टी ऑफ़ इंडिया', 'खिलाफ फ्रंट ऑफ इंडिया', 'इंटेलेक्चुअल स्टूडेंट्स ऑफ़ इंडिया' जैसे संगठन बनाकर भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को बाधित करने का इरादा रखते थे।" इसके साथ ही एनआईए ने कहा था ये खुद को प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों आईएसआईएस/ दाएश और अल कायदा से जोड़ रहे थे। मामला पहले तमिलनाडु पुलिस ने दर्ज किया था और बाद में इस साल एनआईए ने इसे अपने हाथ में ले लिया था।
जानिए, आरोपों पर परिवार ने क्या कहा
आरोपों को खारिज करते हुए मोहसिन के परिवार ने कहा कि वे अदालत में दावों को चुनौती देंगे। वे आज सुबह पटना से दिल्ली पहुंचे। मोहसिन की तीन बहनें हैं और उनके पिता रेलवे में काम करते हैं। उनकी एक बहन ने एनडीटीवी को बताया, 'अगर वह फंड जुटा रहा था तो उसके पास बहुत सारा पैसा होना चाहिए था। कल से एक दिन पहले, उसने मुझे कोडिंग कोर्स करने के लिए 4,000 रुपये मांगने के लिए मैसेज किया।'
उन्होंने कहा, 'वह बहुत मददगार थे। वह समाज सेवा करते थे, चंदा इकट्ठा करते थे और कोविड लॉकडाउन के दौरान गरीबों को खाना बांटते थे।' उन्होंने कहा, 'आरोप पूरी तरह से झूठे हैं, हम उन्हें अदालत में चुनौती देंगे। उन्होंने अपने इंजीनियरिंग प्रवेश को पास करने के लिए दो प्रयास किए। मेरा भाई बहुत भोला भाला है। मुझे नहीं लगता कि वह जानता भी होगा कि आईएसआईएस क्या है।' मोहसिन की मां ने कहा, 'वह 12 जुलाई को ही दिल्ली आया था। वह अपने दोस्त और चचेरे भाई के साथ दिल्ली में रह रहा था।' वह दिल्ली के बाटला हाउस इलाके में रहता था और उसने जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में दाखिला लिया था।
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