राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने कहा है कि आदिवासियों के लिए काम करने वाले 84 वर्षीय मानवाधिकार कार्यकर्ता स्टैन स्वामी को स्वास्थ्य सुविधाएँ और इलाज का हर संभव प्रयास किया जाए। उन्हें सख़्त यूएपीए के तहत जेल भेजा गया है। भीमा कोरेगाँव मामले में पिछले साल उन्हें अक्टूबर में गिरफ़्तार किया था। वह पहले से ही काफ़ी बीमार थे, लेकिन हाल के दिनों में उनकी तबीयत बेहद ख़राब हो गई है और उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है। आरोप लगाए गए हैं कि उन्हें जेल में स्वास्थ्य सुविधाएँ नहीं दी जा रही हैं।