NEET-UG 2024 परीक्षा पेपर लीक के कथित मास्टरमाइंड रवि अत्री को उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने ग्रेटर नोएडा के नीमका गांव से गिरफ्तार किया है। रवि अत्री की गिरफ्तारी से लग रहा है कि कोई अखिल भारतीय गैंग था, जिसने नीट परीक्षा का पेपर लीक कराया और पूरे देश में उसे फैला दिया। क्योंकि इससे पहले बिहार से भी कुछ युवकों को गिरफ्तार किया गया है। जिन्होंने स्वीकार किया कि उन्हें पेपर नीट परीक्षा से पहले ही मिल गया था।
यह सारा विवाद तब शुरू हुआ जब 67 छात्रों को परीक्षा में 720 का परफेक्ट स्कोर मिला। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने गलत सवाल हल करने वालों को ग्रेस मार्क्स भी दिए थे। हालाँकि, बिहार पुलिस की जांच से पता चला कि परीक्षा का पेपर कुछ चुनिंदा उम्मीदवारों को लीक कर दिया गया था। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और एनटीए लगातार कहते रहे कि पेपर लीक नहीं हुआ है।
बिहार में पकड़े गए लोगों के लिंक भी रवि अत्री से पाए गए हैं। बिहार पुलिस, जिसने शुरू में एक छात्र और उसके सहयोगियों सहित लीक से जुड़े कई लोगों को गिरफ्तार किया था, पाया कि गिरोह के तार बाहर भी जुड़े हुए हैं। पूछताछ के दौरान अत्री से संबंध सामने आए, जिसके बाद अंततः यूपी एसटीएफ ने उसे पकड़ लिया।
कौन है रवि अत्री
2007 में, अत्री के परिवार ने उसे मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए कोटा भेजा। उसने 2012 में परीक्षा पास कर ली और पीजीआई रोहतक में दाखिला ले लिया, लेकिन चौथे साल परीक्षा में शामिल नहीं हुआ। अधिकारियों का कहना है कि तब तक वह 'परीक्षा माफिया' के संपर्क में आ चुका था और अन्य उम्मीदवारों के लिए प्रॉक्सी के रूप में परीक्षा में बैठा था। उसने लीक हुए पेपरों को छात्रों के बीच फैलाने में भी अहम भूमिका निभाई।
5 मई को देशभर में करीब 24 लाख छात्रों ने नीट यूजी परीक्षा 2024 दी थी। इसके नतीजे 4 जून को जारी हुए थे। देश में उस समय आम चुनाव के नतीजे आ रहे थे। किसी ने तब ध्यान नहीं दिया। लेकिन अगले दिन से छात्रों ने गुस्सा जताना शुरू कर दिया। एनटीए ने पहले तो छात्रों के आरोपों को ही खारिज कर दिया। छात्रों ने पेपर लीक के आरोप खुलकर लगाए और देशभर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। मामला सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंचा। अदालत ने एनटीए को फटकार लगाई। सरकार ने शुक्रवार को पेपर लीक के खिलाफ नया केंद्रीय कानून लागू कर दिया। सुप्रीम कोर्ट में 8 जुलाई को चीफ जस्टिस की बेंच में इसकी सुनवाई होगी।
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