टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीतने वाले नीरज चोपड़ा ने ऐसे लोगों को चेताया है जो उनके नाम और उनके बयान का सहारा लेकर अपना ‘एजेंडा’ चलाने की कोशिश कर रहे हैं। नीरज के बयान को ओलंपियन बजंरग पूनिया सहित कई खिलाड़ियों का समर्थन मिला है। पूनिया ने भी टोक्यो ओलंपिक 2020 में कुश्ती में कांस्य पदक जीता था।
चोपड़ा के द्वारा इंटरव्यू में कही गई एक बात पर विवाद खड़ा कर दिया गया था। चोपड़ा ने टीओआई से कहा था, “मैं फ़ाइनल शुरू होने से पहले अपना जैवेलिन ढूंढ रहा था। लेकिन ये मुझे नहीं मिला। तभी मैंने देखा कि अरशद नदीम के पास मेरा जैवेलिन था। मैंने उससे कहा, भाई ये मेरा जैवेलिन है। इसलिए आपने देखा होगा कि मैंने अपना पहला थ्रो जल्दीबाज़ी में किया।”
लेकिन सोशल मीडिया पर चोपड़ा की बात को वाहियात ढंग से परोस दिया गया और यह दिखाया गया कि अरशद नदीम एक ख़राब शख़्स है। कुछ लोगों ने इसे जबरदस्ती भारत बनाम पाकिस्तान कर दिया, तो चोपड़ा को सामने आना पड़ा और उन्होंने ट्विटर पर एक वीडियो जारी कर ऐसे लोगों को सख़्त चेतावनी दी।
चोपड़ा ने कहा, “मेरी आप सभी से विनती है कि मेरे कमेंट्स को अपने गंदे एजेंडा को आगे बढ़ाने का माध्यम न बनाएं। स्पोर्ट्स हम सबको एकजुट होकर साथ रहना सिखाता है और कमेंट करने से पहले खेल के रूल्स को जानना ज़रूरी होता है।”
नदीम ने इस बारे में ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ से कहा, “नीरज भाई ने बिलकुल ठीक कहा है, हम दोनों बहुत अच्छे दोस्त हैं और ऐसी चीज़ नहीं होनी चाहिए।”
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बजरंग ने इस मामले में ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ से बात की है। बजरंग ने कहा, “एथलीट चाहे पाकिस्तान का हो या फिर किसी अन्य देश का, वह अपने देश की नुमाइंदगी करता है, वह पहले खिलाड़ी है। क्योंकि कोई पाकिस्तान से है, इसलिए हम उसके लिए ऐसा कुछ नहीं कहेंगे। एथलीट्स का सम्मान होना चाहिए।”
साक्षी मलिक का बयान
पूनिया के अलावा रियो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली साक्षी मलिक ने भी नीरज चोपड़ा की बात का समर्थन किया है। साक्षी ने कहा कि वे भी इस बात के ख़िलाफ़ हैं कि एथलीट्स को इस तरह के विवादों में घसीटा जाए या फिर उन्हें नफ़रत फैलाने और राजनीतिक वजहों के लिए इस्तेमाल किया जाए।
साक्षी ने ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ से कहा कि अज़ीब से सवाल पूछे जा रहे हैं और न्यूज़ चैनल्स ने पाकिस्तानी जैवलिन थ्रोवर की एक सामान्य हरक़त को मुद्दा बना लिया है। उन्होंने कहा कि विरोधी खिलाड़ी भी हमारे दोस्त हैं और कोई भी खिलाड़ी इस बात के साथ सहज नहीं नहीं हो सकता कि उसे दूसरे देश के ख़िलाफ़ नफ़रत फैलाने के लिए इस्तेमाल किया जाए।
टेबल टेनिस खिलाड़ी शरथ कमल ने भी इस तरह की हरक़तों को परेशान करने वाला बताया है। उन्होंने ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ से बातचीत में कहा कि जब वे 2004 में इसलामाबाद गए थे तब उनके साथ सुरक्षा के लिए पुलिस और सेना हमेशा साथ रहती थी। पांच बार के ओलंपियन कमल ने कहा कि हम सभी लोग एक जैसे हैं।
पूर्व हॉकी खिलाड़ी विरेन रासक्विन्हा ने कहा कि खेल और राजनीति का घालमेल नहीं किया जाना चाहिए।
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