काबुल एयरपोर्ट पर हुए बम धमाकों के बाद अमेरिका ने एक बार फिर अपने नागरिकों के लिए चेतावनी जारी की है। इसमें उसने कहा है कि अमेरिकी नागरिक काबुल एयरपोर्ट के बाहर से तुरंत हट जाएं। गुरूवार शाम को हुए बम धमाकों से पहले भी अमेरिका सहित कई देशों ने ऐसी ही चेतावनी जारी की थी।
इसके बाद काबुल एयरपोर्ट के बाहर कई बम धमाके हुए थे, जिनमें अब तक 170 लोगों की मौत हो चुकी है। मरने वालों में 72 अफ़ग़ान नागरिक, 28 तालिबानी और 13 अमेरिकी सैनिक भी शामिल हैं। इसके अलावा 200 लोग घायल भी हुए हैं।
काबुल में स्थित अमेरिकी दूतावास ने कहा है कि हमारे जो भी नागरिक एबे गेट, ईस्ट गेट, नार्थ गेट या फिर नए मंत्रालय के गेट पर हैं, वे वहां से तुरंत दूर चले जाएं। दूतावास ने कहा है कि काबुल एयरपोर्ट पर सुरक्षा को लेकर जारी ख़तरों के मद्देनज़र ऐसा कहा जा रहा है। अमेरिकी नागरिकों को सलाह है कि वे एयरपोर्ट या इसके गेट्स की ओर न जाएं।
हालांकि ये नहीं बताया गया है कि किस तरह का ख़तरा है।
काबुल एयरपोर्ट के बाहर हुए धमाकों की जिम्मेदारी आईएसआईएस के गुट इसलामिक स्टेट ऑफ़ खोरासान या आईएस (के) ने ली थी। इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा था कि वे इसके दोषियों को चुन-चुनकर मारेंगे और अब उसने आईएसआईएस पर एयर स्ट्राइक कर दी है।
अमेरिका ने कहा है कि ड्रोन के जरिये की गई यह स्ट्राइक पूर्वी अफ़ग़ानिस्तान के ननगरहार प्रांत में की गई है और शुरुआती संकेत मिले हैं कि इसमें बम धमाकों के लिए जिम्मेदार शख़्स को मार गिराया गया है। कैप्टन बिल अर्बन ने कहा कि इसमें किसी भी आम नागरिक को नुक़सान नहीं पहुंचा है।
आईएस देगा जवाब?
इस बीच, तालिबान की ओर से अमेरिकी नागरिकों को अफ़ग़ानिस्तान से निकालने के लिए रखी गई 31 अगस्त की डेडलाइन भी नज़दीक आ रही है। अमेरिका की इस एयर स्ट्राइक के बाद आईएसआईएस भी जवाबी हमला कर सकता है और ऐसे में अमेरिका सभी नागरिकों को 31 अगस्त तक निकाल पाएगा, यह भी बड़ा सवाल है।संयुक्त राष्ट्र की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक़, आईएस (के) के पास 500 से 1,500 लड़ाके हैं और इसने काबुल के आसपास अपनी स्थिति को मजबूत किया है। यह आतंकवादी संगठन उन लड़ाकों को जो तालिबान के अमेरिका के साथ हुए शांति समझौते से नाराज़ हैं, उन्हें भर्ती कर रहा है। इसके अलावा सीरिया, इराक़ से आने वाले लड़ाके भी उसके साथ आ रहे हैं।
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