प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में वैश्विक शांति की वकालत की है। उन्होंने कहा कि मानवता की सफलता सामूहिक शक्ति में निहित है, युद्ध के मैदान में नहीं। प्रधानमंत्री संयुक्त राज्य अमेरिका की अपनी यात्रा के अंतिम दिन न्यूयॉर्क शहर में ‘भविष्य के संयुक्त राष्ट्र शिखर सम्मेलन’ को संबोधित कर रहे थे।
पीएम मोदी ने कहा, 'मानवता की सफलता युद्ध के मैदान में नहीं, बल्कि हमारी सामूहिक शक्ति में निहित है। वैश्विक शांति और विकास के लिए, वैश्विक संस्थानों में सुधार अहम हैं। सुधार प्रासंगिकता की कुंजी है।' उन्होंने सतत विकास को प्राथमिकता देते हुए मानव-केंद्रित दृष्टिकोण को सर्वोच्च प्राथमिकता देने पर जोर दिया।
Speaking at Summit of the Future at the @UN. https://t.co/lxhOQEWEC8
— Narendra Modi (@narendramodi) September 23, 2024
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में 250 मिलियन लोगों को गरीबी से बाहर निकालकर, हमने दिखाया है कि सतत विकास सफल हो सकता है। मोदी ने आगे कहा कि वैश्विक शांति और विकास के लिए वैश्विक संस्थानों में सुधार ज़रूरी हैं। उन्होंने कहा कि भारत अपने डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को दुनिया के साथ साझा करने के लिए तैयार है।
प्रधानमंत्री मोदी ने साइबर अपराध के बढ़ते खतरे के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि जहां आतंकवाद वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बना हुआ है, वहीं दूसरी ओर साइबर, समुद्री और अंतरिक्ष जैसे क्षेत्र संघर्ष के नए रंगमंच के रूप में उभर रहे हैं।
मोदी ने कहा, 'हम किसी के खिलाफ नहीं हैं। हम सभी नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान और सभी विवादों के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करते हैं।' अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन, जापान के पीएम फुमियो किशिदा और ऑस्ट्रेलियाई पीएम एंथनी अल्बानीस की मौजूदगी में आयोजित एक गोलमेज सम्मेलन में मोदी ने कहा था, 'क्वाड यहां रहने, सहायता करने, साझेदारी करने और पूरक बनने के लिए है।'
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