सिद्धू मूसेवाला की हत्या में पंजाब पुलिस, दिल्ली पुलिस और कुछ अन्य एजेंसियों को उस समय बड़ी कामयाबी मिली, जब उन्होंने तीन प्रमुख आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि एक संयुक्त अभियान में, दीपक उर्फ मुंडी, कपिल पंडित और राजिंदर को गिरफ्तार किया गया।
डीजीपी ने बताया कि
दीपक, कपिल पंडित और राजिंदर को शनिवार 10 सितंबर को एजीटीएफ टीम ने पश्चिम बंगाल-नेपाल सीमा पर एक खुफिया सूचना पर चलाए गए ऑपरेशन के दौरान गिरफ्तार किया गया। दीपक बोलेरो मॉड्यूल में शूटर था, कपिल पंडित और राजिंदर ने हथियार, ठिकाने और रसद के जरिए मदद की थी। सभी आरोपियों को शनिवार देर रात या रविवार को पंजाब लाया जाएगा।
गायक और कांग्रेस नेता सिद्धू मूसेवाला की 29 मई को पंजाब के मानसा जिले में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पंजाब सरकार ने जैसे ही मूसेवाला समेत कई नेताओं का सुरक्षा कवर वापस लिया था, उसके एक दिन बाद सिद्धू मूसेवाला की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उनके साथ जीप में यात्रा कर रहे उनके चचेरे भाई और एक दोस्त भी हमले में घायल हो गए थे।
आरोप है कि जवाहरके गांव में लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के सदस्य अंकित सिरसा ने गायक-राजनेता सिद्धू मूस वाला की हत्या की थी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चला कि गोली लगने के 15 मिनट के भीतर उसकी मौत हो गई और उसके शरीर में 19 गोलियां लगी थीं।
हालांकि इन खूंखार आरोपियों को नेपाल बॉर्डर से गिरफ्तार किया गया। डीजीपी ने भी अपने बयान में यही कहा है लेकिन कुछ मीडिया रपटों में कहा गया है कि तीनों आरोपी नेपाल में घुस चुके थे। पंजाब पुलिस और दिल्ली पुलिस लगातार उनका पीछा कर रही थी। संयुक्त ऑपरेशन के बाद तीनों को नेपाल के अंदर से पकड़ा गया। आरोपियों के पंजाब आने पर सारा खुलासा हो सकेगा।
इस बीच पंजाब की मोहाली पुलिस ने लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के एक सदस्य को गिरफ्तार किया है, जिसने 29 मई को गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या करने से पहले शूटरों जगरूप सिंह रूपा और मनप्रीत सिंह उर्फ मनु कुसा को उसके खरड़ घर में शरण दी थी।
लुधियाना के दोराहा निवासी मनप्रीत सिंह उर्फ भीमा (25) को गिरफ्तार कर उसके पास से 11 पिस्तौल, तीन गोलियां और एक बीएमडब्ल्यू कार बरामद की गई। पुलिस ने कहा कि भीमा को खरड़ में क्रिश्चियन स्कूल टी-प्वाइंट के पास से गिरफ्तार किया गया था और उसके खिलाफ सिटी खरड़ पुलिस स्टेशन में 9 सितंबर को आर्म्स एक्ट का मामला दर्ज किया गया था।
भीमा सुनील कुमार उर्फ मोनू गुर्जर और जसमीत सिंह उर्फ लकी, दोनों होशियारपुर के रहने वाले और पटियाला के निखिल कांत शर्मा का पुराना साथी है। सभी हथियारों की आपूर्ति पिहोवा निवासी अश्विनी कुमार उर्फ सरपंच ने भीमा, जसमीत और निखिल को की थी. सदर खरड़ थाने में दर्ज मामले में आरोपी अश्विनी कुमार को सीआईए मोहाली पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।
मोहाली के एसएसपी विवेक शील सोनी ने कहा, उनकी गिरफ्तारी एक बड़ी सफलता है क्योंकि पुलिस कुछ समय से उनका पीछा कर रही थी। उसने मूसेवाला की हत्या से पहले दो शूटरों को खरड़ स्थित अपने घर में पनाह दी थी। भीमा के खिलाफ मार्च 2019 में लुधियाना के कुमकलां थाने में आईपीसी की धारा 379-बी, 34, 201 के तहत मामला दर्ज किया गया था। 22 जुलाई को सदर खरार पुलिस ने उस पर एनडीपीएस और आर्म्स एक्ट का मामला दर्ज किया था।
पुलिस ने कहा कि जसमीत के नाम पर पंजीकृत बीएमडब्ल्यू कार का इस्तेमाल ड्रग्स और हथियारों की आपूर्ति के लिए किया जाता था।
20 जुलाई को अमृतसर के भकना गांव की एक इमारत में पांच घंटे तक चले ऑपरेशन में गैंगस्टर जगरूप सिंह रूपा और मनप्रीत सिंह उर्फ मनु कुसा को मार गिराया गया था। गायक की हत्या के बाद दोनों गैंगस्टर फरार थे।
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