चीन के साथ चल रहे विवाद के बीच गुरुवार को भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच वर्चुअल यानी ऑनलाइन शिखर वार्ता हुई। इसमें प्रधानमंत्री मोदी ने ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन से वार्ता की। दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच संबंधों को और मज़बूत करने पर ज़ोर दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि यह सभी समय है जब भारत और ऑस्ट्रेलिया संबंधों को और मज़बूत करें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बातचीत के दौरान कहा, 'हमारी दोस्ती को मज़बूत करने के लिए अनंत अवसर हैं। इसके साथ ही क्षमता को वास्तविकता में बदलने के लिए चुनौतियाँ भी आएँगी। हमारा संबंध क्षेत्र की स्थिरता के लिए एक फ़ैक्टर भी है। भारत ऑस्ट्रेलिया के साथ अपने संबंधों को मज़बूत करने के लिए प्रतिबद्ध है, यह न केवल हमारे दो देशों के लिए बल्कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र और पूरी दुनिया के लिए भी महत्वपूर्ण है।'
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने भी कहा, 'हम एक महासागर साझा करते हैं और इसके साथ ही हम इस महासागर के स्वास्थ्य, कल्याण और सुरक्षा की ज़िम्मेदारी भी।'
बता दें कि हिंद प्रशांत क्षेत्र और दक्षिण चीन सागर में चीन की आक्रामता के ख़िलाफ़ ऑस्ट्रेलिया आवाज़ उठाता रहा है। ऑस्ट्रेलिया इस बारे में कई बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस मुद्दे पर चिंता ज़ाहिर कर चुका है। सोमवार को ही ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त बैरी ओ फैरेल ने कहा था कि उनकी सरकार दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती आक्रामकता के साथ-साथ अपने नागरिकों के व्यापक विरोध के बावजूद हांगकांग में सुरक्षा क़ानून लागू करने की चीन की योजना से चिंतित है। उन्होंने तब एक सवाल के जवाब में भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में गतिरोध पर भी बात रखी थी। उन्होंने कहा था कि यह मुद्दा भारत और चीन को द्विपक्षीय तरीक़े से सुलझाना है और इसमें किसी अन्य देश के लिए कोई भूमिका नहीं है।
उच्चायुक्त ने कहा था कि भारत और ऑस्ट्रेलिया हिंद प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए सहयोग बढ़ाने पर ध्यान केन्द्रित कर रहे हैं। उन्होंने संकेत दिया था कि मोदी और स्कॉट मॉरिसन के बीच ऑनलाइन शिखर सम्मेलन के दौरान हिंद प्रशांत क्षेत्र में ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच सहयोग को बढ़ावा देने पर बात हो सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि था कि भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के बीच चतुर्भुज गठबंधन हिंद-प्रशांत क्षेत्र से संबंधित मुद्दों से निपटने में एक प्रभावी मंच रहा है।
माना जाता है कि भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के बीच चतुर्भुज गठबंधन मुख्य तौर पर चीन की आक्रामक नीति के ख़िलाफ़ ही एकजुटता का प्रयास है।
हाल ही में अमेरिका ने भी जी7 में रूस और दक्षिण कोरिया के साथ भारत और ऑस्ट्रेलिया को शामिल होने के लिए आमंत्रण दिया है। इसे भी चीन के ख़िलाफ़ एक रणनीतिक पहल माना जा रहा है।
भारत के प्रधानमंत्री मोदी और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन के बीच कोरोना वायरस के ख़िलाफ़ लड़ाई को लेकर भी चर्चा हुई। इसके साथ ही व्यापार बढ़ाने पर भी बातचीत हुई।
यह पहली बार है कि प्रधानमंत्री मोदी ने किसी विदेशी नेता के साथ 'द्विपक्षीय वर्चुअल शिखर सम्मेलन' किया है। बता दें कि विदेश मंत्रालय ने बुधवार को इस पर एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की थी, जिसमें कहा गया कि एक वर्चुअल शिखर सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है क्योंकि पीएम मॉरिसन की भारत यात्रा कोविड-19 महामारी के बीच नहीं हो सकती है।
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