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मोदी ने कहा- हिन्दू मुसलमान नहीं करता, लेकिन पार्टी का सुर अलग, फिर सच क्या है?

प्रधानमंत्री मोदी ने टीवी18 को एक इंटरव्यू दिया। इस बहस में पड़े बिना इस चैनल के मालिक अंबानी हैं, ये जानते हैं कि मोदी ने क्या कहा और विवाद का विषय क्या है। 
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि वह इस बात से 'हैरान' हैं कि लोग उनकी 'घुसपैठिया' टिप्पणी की व्याख्या मुसलमानों के खिलाफ कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ”गरीब परिवारों में भी अधिक बच्चे होते हैं। गरीब परिवारों में भी यही स्थिति है। जहां गरीबी है, वहां अधिक बच्चे हैं, चाहे उनका सामाजिक दायरा कुछ भी हो।”

  • मैंने कभी भी "हिंदू या मुस्लिम" का जिक्र नहीं किया।

मोदी से ये सवाल कांग्रेस पर वेल्थ रीडिस्ट्रीब्यूशन का आरोप लगाने के संदर्भ में किए गए थे। मोदी ने अपनी तमाम रैलियों में कहा था कि कांग्रेस हिन्दुओं की संपत्ति में से कुछ हिस्सा छीनकर मुसलमानों को बांट देगी। अगर किसी के पास दो कमरे का घर है तो एक कमरा कांग्रेस मुसलमान को दे देगी। किसी के पास दो भैंस है तो एक भैंस मुसलमान को दे देगी। मोदी ने किस जगह किस तारीख को क्या कहा था, उस पर हम आगे इसी रिपोर्ट में बात करेंगे। लेकिन इंस इंटरव्यू से कुछ और भी सवाल खड़े हो गए हैं। जो इस तरह हैंः
  • मोदी अगर सिर्फ गरीबों पर ज्यादा बच्चे पैदा करने का आरोप लगा रहे हैं तो उन्हें सोचना होगा कि तमाम संपन्न परिवारों में जहां ज्यादा बच्चे हैं, उनके बारे में उनकी क्या राय है। दूसरी बात- आप कह रहे हैं कि कांग्रेस हिन्दूओं की संपत्ति छीनकर ऐसे गरीबों को बांट देगी। पहले तो मुसलमान कहा था लेकिन अब आपकी बात मानकर उन्हें गरीब ही मान लेते हैं। क्या गरीब को देश की संपत्ति में हिस्सेदारी देना अपराध है। यह देशभक्ति है या देशद्रोह है।
  • हालांकि कांग्रेस समेत अधिकांश राजनीतिक दलों का मूल चरित्र पूंजीवादी ही है। लेकिन अगर कांग्रेस गरीबों को वेल्थ डिस्ट्रीब्यूशन के बारे में सोच रही है तो इसमें गलत क्या है।  
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भाजपा का क्या कहना है

मोदी के विवादित बयानों यानी हिन्दुओं की संपत्ति मुसलमानों को बांटने वाले बयान पर जब केंद्रीय चुनाव आयोग में कई सारी शिकायतें दी गईं तो उसने मोदी को नोटिस देने की बजाय उनकी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को नोटिस भेजा। नड्डा ने इसका जो जवाब चुनाव आयोग को दिया, उसे भी जानिए। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक नड्डा ने चुनाव आयोग के नोटिस के जवाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान को सही ठहराया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस पार्टी जनता की संपत्ति को मुसलमानों में फिर से बांटने की योजना बना रही है। नड्डा ने यह भी कहा है कि पीएम के सभी भाषण तथ्यों पर आधारित थे और मतदाताओं को विपक्ष के इरादों को समझने का लोकतांत्रिक अधिकार है।

अपने जवाब में नड्डा ने मुस्लिम लीग की तरह कांग्रेस पर भी देश को बांटने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। मोदी कांग्रेस के घोषणापत्र 'न्याय पत्र' को मुस्लिम लीगी बताते रहे हैं। नड्डा ने दावा किया कि जिस तरह मुस्लिम लीग ने भारत के विभाजन के बीज बोए थे, उसी तरह कांग्रेस ने आर्थिक असहयोग और भाषाई मतभेदों के माध्यम से देश के उत्तरी हिस्सों से दक्षिण को विभाजित करने का प्रयास किया है। नड्डा ने कांग्रेस पर देश के मूलभूत धर्म और इसकी प्राचीन संस्कृति का विरोध करने का भी आरोप लगाया। 

  • नड्डा के इस पत्र से साफ है कि उन्होंने मोदी के विवादित भाषण को सही ठहराने की कोशिश की है। नड्डा यानी भाजपा जैसे ही देश के मूलभूत धर्म और प्राचीन संस्कृति की बात करती है तो समझा जा सकता है कि वो किस धर्म की बात कह रही है। जबकि भारतीय संविधान ने एक धर्मनिरपेक्ष देश की बात कही है और सभी धर्म के लोगों के समान अधिकार बताए हैं। भारतीय संविधान इससे विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों वाला देश मानता है। यानी नड्डा का जवाब ही भारतीय संविधान के खिलाफ है।

मोदी के अनगिनत झूठः ओवैसी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्पष्टीकरण पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने उनसे बुधवार को पूछा कि 'हिन्दू-मुसलमान पर  गलत स्पष्टीकरण देने में इतना समय क्यों लगा?' ओवैसी ने एक्स पर लिखा-  “मोदी ने अपने भाषण में मुसलमानों को घुसपैठिया और बहुत अधिक बच्चों वाले कहा था। अब वह कह रहे हैं कि वह मुसलमानों के बारे में बात नहीं कर रहे थे, उन्होंने कभी हिंदू-मुस्लिम एंगल का इस्तेमाल नहीं किया।” ओवैसी ने लिखा है-  “मोदी की राजनीतिक यात्रा पूरी तरह से मुस्लिम विरोधी राजनीति पर आधारित रही है। इस चुनाव में मोदी और बीजेपी ने मुसलमानों के खिलाफ अनगिनत झूठ और बेहद नफरत फैलाई है. यह सिर्फ मोदी ही नहीं हैं जो कटघरे में हैं, बल्कि हर मतदाता जिसने इन भाषणों के बावजूद भाजपा को वोट दिया।''

क्या मोदी झूठ बोलते हैं

कांग्रेस समेत विपक्षी दल पीएम मोदी पर बार-बार झूठ बोलने का आरोप लगा रहे हैं। वे इस बात को तथ्यों के साथ पेश करते हैं। सोशल मीडिया पर आपको मोदी के ऐसे तमाम वीडियो मिल जाएंगे, जिनमें मोदी के बयानों को पेश किया गया है। सिलसिलेवार जानते हैं कि मोदी ने किस तारीख को मुसलमानों के संदर्भ में क्या कहा। हालांकि वो हमला कांग्रेस पर करते हैं लेकिन वो हमला मुसलमानों की आड़ में किया जाता है। पीएम मोदी ने 7 मई को मध्य प्रदेश के धार में दो सबसे बड़े विवादास्पद बयान दिए। मोदी ने धार की रैली में कहा-  "कांग्रेस पार्टी का इरादा अल्पसंख्यकों को खेल में महत्व देना है। इसका मतलब है कि धर्म के आधार पर कांग्रेस तय करेगी कि क्रिकेट टीम में कौन रहेगा और कौन नहीं। यही सब करना था तो 1947 में ही भारत का नामो निशान मिटा देना था...।"

बाबरी ताला वाला बयान

7 मई को धार की रैली में मोदी ने एक और विवादास्पद बात कही। मोदी ने कहा कि वह भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के लिए 400 सीटों का जनादेश चाहते हैं ताकि यह तय किया जा सके कि कांग्रेस कश्मीर में धारा 370 वापस न लाए और अयोध्या में राम मंदिर पर "बाबरी ताला" न लगाए। यहां पर शब्द बाबरी ताला पर गौर कीजिए। अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन खुद मोदी ही कर चुके हैं। मुसलमान इस पर अपना दावा भी छोड़ चुके हैं। राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में कुछ मुस्लिम भी पहुंचे थे। लेकिन मोदी ने 7 मई की रैली में इस मुद्दे को जानबूझकर उभारा। क्योंकि सीएसडीएस के सर्वे ने हमें पिछले दिनों बताया था कि इस चुनाव में राम मंदिर अब कोई मुद्दा नहीं रहा। बता दें कि पिछले हफ्ते केंद्रीय गृह मंत्री ने यही बयान खीरी लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी अजय मिश्रा टेनी के लिए वोट मांगते हुए दिया। वही टेनी जिसका बेटे आशीष मिश्रा पर किसानों पर जीप चढ़ाकर रौंदने का आरोप है।

'कांग्रेस 1 भैंस मुसलमान को दे देगी'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1 मई को गुजरात के बनासकांठा में कहा -  "यदि आपके पास दो भैंस हैं, तो सत्ता में आने पर कांग्रेस एक छीन कर मुसलमानों को दे देगी। कांग्रेस देश के लोगों को लिखित रूप में दे कि वो धर्म-आधारित आरक्षण लागू नहीं करेगी।" 

मोदी ने 2 मई को गुजरात के आनंद जिले में कहा- "मैं भव्य परिवार के राजकुमार (राहुल गांधी) और पूरे कांग्रेस तंत्र को चुनौती देता हूं...कांग्रेस और उसके सदस्यों को यह लिखित में देना होगा कि वे संविधान बदलने के बाद धर्म के आधार पर मुसलमानों को आरक्षण नहीं देंगे, वे देश को नहीं बांटेंगे।"

वोट जिहाद

गुजरात की ही रैलियों में मोदी ने 2 मई को यह भी कहा- इंडिया गठबंधन के नेता मुस्लिम मतदाताओं से "वोट जिहाद" करने की अपील कर रहे हैं। INDI (इंडिया) गठबंधन का साफ कहना है कि सभी मुसलमानों को एकजुट होकर वोट करना चाहिए। लोकतंत्र के उत्सव में वोट जिहाद की बात कर उन्होंने लोकतंत्र और संविधान का अपमान किया है। वोट जिहाद की यह बात कांग्रेस की तुष्टीकरण की नीति को भी आगे बढ़ाती है।”

'मुसलमानों को आरक्षण देना चाहती है कांग्रेस'

मोदी ने 3 मई 2024 को झारखंड की रैली में कहा- अब कांग्रेस की नजर एससी, एसटी, आदिवासी और ओबीसी के आरक्षण पर डाका डालने पर है। कांग्रेस को गुस्सा इसलिए है, क्योंकि आदिवासी, दलित, गरीब और ओबीसी बीजेपी का समर्थन करते हैं। कांग्रेस आपके आरक्षण पर डाका डालकर मुसलमानों को देना चाहते हैं। ये धर्म के आधार पर आरक्षण देना चाहते हैं।

मोदी ने 3 मई को पश्चिम बंगाल की रैली में कहा- हमारे देश में दशकों से वोट जिहाद का खेल पर्दे के पीछे से चुपचाप चलता था। वो (इंडिया अलायंस) इतने हताश और निराश हो चुके हैं, कि अब पहली बार, वोट जिहाद की सार्वजनिक घोषणा कर रहे हैं। इसीलिए, वोट जिहाद की इस अपील पर कांग्रेस का शाही परिवार, TMC और Left, सभी चुप हैं। यानी अलायंस के सारे चट्टे-बट्टे वोट जिहाद से सहमत हैं।

मुसलमानों पर भाजपा का नफरती वीडियो

30 अप्रैल को, भाजपा ने इंस्टाग्राम सहित तमाम सोशल मीडिया पर एक एनिमेटेड वीडियो प्रकाशित किया, जिसमें मोदी के राष्ट्र को बचाने के लिए आने से पहले, मध्ययुगीन भारत पर हमला करने और उसकी संपत्ति लूटने वाले हिंसक और लालची मुस्लिम पुरुष हमलावरों का रूढ़िवादी चित्रण दिखाया गया था। वीडियो में बताया गया अगर कांग्रेस चुनी गई तो वह हिंदू धन और संपत्ति को मुसलमानों के बीच बांट देगी। इस वीडियो के खिलाफ तमाम नागरिक संगठनों ने ऐतराज जताया। केंद्रीय चुनाव आयोग से शिकायत की गई। अदालत में जाने की धमकी दी गई। भाजपा ने सोशल मीडिया से अगले दिन इस एनिमेटेड वीडियो को हटा लिया।

कांग्रेस घोषणापत्र को मुस्लिम लीगी कहाः 29 अप्रैल को मोदी ने कहा- 2024 के उनके मेनिफेस्टो में भी पूरी तरह मुस्लिम लीग की छाप है। उन्होंने जो स्थितियां बनाई हैं, जिस प्रकार से संविधान की धज्जियां उड़ा रहे हैं, जिस प्रकार बाबा साहेब को अपमानित करते हैं। SC- ST के आरक्षण पर भी तलवार लटका देते हैं। ओबीसी का तो जीना मुश्किल कर देंगे। क्या देश की जनता को हमें प्रशिक्षित करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए। उसी दिन मोदी ने टीवी18 को दिए इंटरव्यू में यह भी कहा था- कांग्रेस का एक्स-रे से मतलब है - हर परिवार में जाना, घर-घर छापा मारना। अगर कोई महिला अनाज की बोरी में भी अपने गहने छिपा कर रखी है तो वो उसका भी एक्स-रे करेंगे। उनकी जमीनों का हिसाब-किताब करेंगे और फिर उसे री-डिस्ट्रीब्यूट (मुसलमानों) करेंगे। ये पूरी तरह अर्बन नक्सल सोच का प्रकटीकरण है। इसलिए उनकी पूरी जमात चुप है। (इंटरव्यू लेने वालों ने मोदी को पलट कर यह नहीं बताया कि ऐसा कांग्रेस के घोषणापत्र में कहां लिखा है कि कांग्रेस लोगों की संपत्ति छीनकर मुसलमानों को बांट दी। उन्होंने यह भी नहीं पूछा कि कांग्रेस ने 70 साल तक देश में राज किया, क्या उसने कभी दूसरों की संपत्ति छीनकर मुसलमानों में बांटी)

'कांग्रेस मंगलसूत्र और गोल्ड चुराकर मुसलमानों को बांट देगी'

पीएम मोदी का 22 अप्रैल का अलीगढ़ में दिया गया भाषण बांसवाड़ा (राजस्थान) में 21 अप्रैल को दिए भाषण से ज्यादा खतरनाक था। मोदी ने सोमवार 22 अप्रैल को अलीगढ़ में कहा था-  "मैं देशवासियों को चेतावनी देना चाहता हूं। कांग्रेस और इंडिया गठबंधन की नजर आपकी कमाई और आपकी संपत्ति पर है। कांग्रेस के 'शहजादा' (राहुल गांधी) कहते हैं कि अगर उनकी सरकार आती है सत्ता में, वे जांच करेंगे कि कौन कितना कमाता है, किसके पास कितनी संपत्ति है... हमारी माताओं और बहनों के पास सोना (गोल्ड) है, इसे पवित्र माना जाता है, कानून भी इसकी रक्षा करता है महिलाओं का 'मंगलसूत्र', मां-बहनों का गोल्ड चुराना है इनका इरादा... अगर आपके गांव में किसी पुराने पूर्वज का घर है और आपने अपने बच्चों के भविष्य के लिए शहर में एक छोटा सा फ्लैट भी खरीदा है दोनों में से एक को छीन लेंगे...ये माओवादी सोच है, ये कम्युनिस्टों की सोच है ऐसा करके वो पहले ही कई देशों को बर्बाद कर चुके हैं अब यही नीति कांग्रेस पार्टी और इंडिया गठबंधन भारत में लागू करना चाहते हैं।" हालांकि कांग्रेस के घोषणापत्र में ऐसा कुछ कहीं नहीं लिखा है।

मुसलमानों को घुसपैठिया कहाः पीएम मोदी ने 21 अप्रैल को राजस्थान के बांसवाड़ा की रैली में कहा- अगर विपक्षी कांग्रेस पार्टी सत्ता में आती है, तो वह "आपकी सारी संपत्ति इकट्ठा करेगी और इसे उन लोगों को वितरित कर देगी जिनके पास अधिक बच्चे हैं" और "घुसपैठियों" को। बता दें कि मोदी की इन टिप्पणियों को व्यापक रूप से मुसलमानों के संदर्भ के रूप में देखा गया। विदेशी मीडिया ने भी इस टिप्पणी का संज्ञान लिया। विदेशी मीडिया ने बताया कि आरएसएस और भाजपा लंबे समय से इस बात का प्रचार कर रहे हैं कि भारत में आबादी बढ़ाने के लिए मुसलमान जिम्मेदार हैं। ये लोग ज्यादा बच्चे पैदा करते हैं। इसी तरह ये लोग घुसपैठिये शब्द का इस्तेमाल भी मुसलमानों के संदर्भ में करते हैं। विदेशी मीडिया और भारत के विपक्षी दलों ने मोदी के राजस्थान के भाषण को हेट स्पीच श्रेणी में रखा है।

19 अप्रैल को मोदी अमरोहा में थे। वहां उन्होंने क्रिकेटर मोहम्मद शमी के नाम को भुनाना चाहा। अमरोहा के लोगों को मोदी ने बताया कि शमी को अर्जुन पुरस्कार उनकी ही सरकार ने दिया है। यूपी सरकार अमरोहा में उनके नाम से स्टेडियम बनवा रही है। लेकिन बोलते बोलते जैसे मोदी को कुछ याद आया हो। उन्होंने अपना लहजा बदलते हुए कहा क्या आप इस देशद्रोही (सांसद दानिश अली) को संसद में जाने देंगे। दरअसल, यहां बताना जरूरी है कि दानिश अली के खिलाफ भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल संसद के अंदर किया था। बाद में भाजपा को इसके लिए खेद जताना पड़ा। फिर भाजपा ने रमेश बिधूड़ी का टिकट काट दिया। दानिश अली को कांग्रेस ने अमरोहा से खड़ा किया है।

कांग्रेस का घोषणापत्र 5 अप्रैल को आया था। मोदी ने 6 अप्रैल से ही कांग्रेस के घोषणापत्र को मुस्लिम लीग से जोड़कर इसे मुसलमानों के लिए बनाया गया घोषणपत्र करार दिया। मोदी ने कहा था-  “मुस्लिम लीग के समान एक ऐतिहासिक विचारधारा को दर्शाते हुए, घोषणापत्र वामपंथी विचारधाराओं से काफी प्रभावित है। कुल मिलाकर, कांग्रेस समसामयिक मुद्दों को संबोधित करने में विफल रही है और 21वीं सदी में भारत का नेतृत्व करने के लिए अयोग्य है।” हालांकि मुस्लिम लीग देश की आजादी की लड़ाई में कांग्रेस के साथ शामिल थी। उसके तमाम नेताओं ने गिरफ्तारियां दीं, लाठी खाई। जब पाकिस्तान बना तो मोहम्म अली जिन्ना अपनी पार्टी को पाकिस्तान ले गए। भारत में मौजूदा मुस्लिम लीग चुनाव आयोग द्वारा मान्यता प्राप्त है। वो केरल में चुनाव भी लड़ती है। उसके विधायक है। भारत की मुस्लिम लीग भारतीय संविधान में विश्वास करती है। उसका पाकिस्तान की मुस्लिम लीग से कोई संबंध नहीं है।

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मोदी मुस्लिमों पर अटैक इलाके और वहां की हिन्दू-मुस्लिम आबादी के हिसाब से करते हैं। मसलन दक्षिण भारत के राज्यों में जब भी मोदी की रैली हुई, उसमें सिर्फ विकास और कांग्रेस के कथित भ्रष्टाचार की बातें थीं। वहां मुसलमानों से हिन्दुओं को डराने की बातें गायब थीं। लेकिन उत्तर भारत की अधिकांश रैलियों में मोदी ने हिन्दुओं को मुसलमानों से डराने में कोई कमी नहीं छोड़ी। हालांकि वो कांग्रेस को बीच में लाकर अपनी बात कहते हैं लेकिन निशाने पर मुस्लिम ही होते हैं।

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क़मर वहीद नक़वी
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