कोरोना का टीका अभी बन कर तैयार नहीं हुआ है, पर इसके वितरण का ब्लू प्रिंट बनाया जा रहा है। इसे इससे समझा जा सकता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि कोरोना टीका के वितरण में राज्य, केंद्र और सिविल सोसाइटी की भूमिका होगी। इसके साथ ही इसके पास मजबूत सूचना प्रौद्योगिकी और स्वास्थ्य सेवाओं का आधार होना चाहिए।
टीकाकरण अभियान
बता दें कि नैशनल एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन फॉर कोविड-19 पहले से ही काम कर रहा है। यह कोरोना टीका के स्टोरेज, वितरण, क्लिनिक में इसकी निगरानी और इससे जुड़ी दूसरी चीजें मसलन सिरिंज वगैरह के भंडारण वगैरह पर काम कर रहा है।नरेंद्र मोदी ने कहा है कि टीकाकरण अभियान में पंचायत से लेकर केंद्र सरकार और सभी नागरिक समूहों को शामिल किया जाएगा। इसे चुनाव की तरह ही राष्ट्र-व्यापी अभियान बनाया जाना चाहिए।
बैठक में मोदी
उन्होंने इसके साथ ही यह भी जोड़ा कि पिछले तीन हफ्तों से लगातार नए मरीजों और मौतों की संख्या लगातार घट रही है और संक्रमण की दर में भी कमी आई है। प्रधानमंत्री ने लोगों से त्योहारी मौसम में भी लोगों से सोशल डिस्टैंसिंग, साफ-सफाई और संयम का पालन करते रहने की अपील की है।टीका का परीक्षण रुका
दूसरी ओर, कोरोना टीका में सबसे आगे रहने वालों में से एक ऑक्सफोर्ड कोरोना वैक्सीन के ट्रायल को झटका लगा है। ट्रायल में भाग लेने वाले के गंभीर रूप से बीमार पड़ने पर ट्रायल को रोकना पड़ा है। एस्ट्राजेनेका कंपनी यह टीका बना रही है। ऑक्सफ़ोर्ड के कोरोना टीका के परीक्षण को रोकने की नौबत आने से निराशा तो हुई है, लेकिन ऑक्सफ़ॉर्ड के इसी टीके और दुनिया भर में कई अन्य जगहों पर तैयार किए जा रहे कोरोना टीके से उम्मीद अभी भी बंधी हुई है।ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका के इस कोरोना टीका का परीक्षण दुनिया भर के देशों में किया जा रहा है और इसमें भारत भी शामिल है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया इसके उत्पादन के लिए वैश्विक साझेदारों में से एक है।
ऐसे में यह सवाल उठना लाज़िमी है कि क्या दिसंबर तक टीका बन कर तैयार हो जाएगा। इस पर देखें सत्य हिन्दी का
संवाद वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार के साथ।
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