भारत ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार करने पर ज़ोर देते हुए इसके स्थायी सदस्यों की संख्या बढ़ाने पर ज़ोर दिया ताकि यह अधिक लोगों का प्रतिनिधित्व कर सके और ज़्यादा समावेशी हो सके।