सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने ईडब्ल्यूएस यानी आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए 10 फ़ीसदी आरक्षण पर मुहर लगाते हुए 50 फ़ीसदी आरक्षण सीमा पर अपना रुख बदलने का संकेत दे दिया है। 50 फ़ीसदी से ज़्यादा आरक्षण का रास्ता साफ़ होने से अब क्या होगा? क्या अब आरक्षण के लिए वो पुरानी मांगें फिर से नहीं उठेंगी जिसके लिए कभी भारी हिंसा तक हो चुकी है?
50% आरक्षण सीमा हटी तो क्या अब राज्यों में आंदोलन होंगे तेज?
- देश
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- 8 Nov, 2022
सुप्रीम कोर्ट द्वारा 50 फ़ीसदी आरक्षण की सीमा पर टिप्पणी के बाद अब दूसरे राज्यों में क्या प्रतिक्रिया होगी? क्या जाट, गुर्जर, पाटीदार और कापू आरक्षण की माँग का ज़ोर तो नहीं पकड़ेगा?

क्या मराठा, जाट, गुर्जर, पाटीदार और कापू आरक्षण की माँग ज़ोर नहीं पकड़ेगी? जिस तरह मराठा आरक्षण के लिए हिंसा की हद तक चले गए थे उसी तरह जाट, गुर्जर, पाटीदार और कापू जाति के लोग भी जब तब आंदोलन करते रहे हैं। जाट और पाटीदार आंदोलन में भी बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी। दूसरी जातियाँ भी आरक्षण मांगती रही हैं।