वर्तमान क़ानूनों के तहत 'लव जिहाद' की कोई परिभाषा नहीं है और इस तरह का कोई भी मामला केंद्रीय एजेंसियों की जानकारी में नहीं आया है। यह बात केंद्र सरकार ने मंगलवार को संसद में कही। यह पहला मौक़ा है जब सरकार ने 'लव जिहाद' को लेकर स्थिति साफ़ की है। 'लव जिहाद' को लेकर दक्षिणपंथी संगठन लंबे समय तक हंगामा करते रहे हैं। उनके मुताबिक़, 'लव जिहाद' के तहत मुसलिम युवकों द्वारा हिंदू लड़कियों को प्रेम के जाल में फंसाकर उनसे शादी की जाती है और फिर उन्हें धर्म परिवर्तन करने पर मजबूर किया जाता है।
'लव जिहाद' का कोई मामला नहीं आया सामने : केंद्र सरकार
- देश
- |
- 5 Feb, 2020
वर्तमान क़ानूनों के तहत 'लव जिहाद' की कोई परिभाषा नहीं है और इस तरह का कोई भी मामला केंद्रीय एजेंसियों की जानकारी में नहीं आया है।

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी.किशन रेड्डी ने संविधान के अनुच्छेद 25 का उल्लेख करते हुए कहा कि यह अनुच्छेद हमें किसी भी धर्म का प्रचार करने और उसे मानने की आज़ादी देता है। उन्होंने कहा कि 'लव जिहाद' नाम का शब्द मौजूदा नियमों के तहत परिभाषित नहीं है और न ही केंद्रीय एजेंसियों के सामने 'लव जिहाद' का कोई मामला आया है। देश में कई अदालतें जिनमें केरल हाई कोर्ट भी शामिल है उन्होंने भी इस तथ्य की पुष्टि की है।
गृह मंत्रालय की ओर से यह जानकारी केरल के कांग्रेस नेता बेन्नी बेहनान के सवाल के जवाब में दी गई। बेहनान ने सवाल पूछा था कि क्या पिछले दो साल में केरल में केंद्रीय एजेंसियों के सामने 'लव जिहाद' का कोई मामला आया है। रेड्डी ने आगे कहा, हालांकि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) केरल में अलग-अलग धर्मों के बीच विवाह के दो मामलों की जांच कर रही है।