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कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल, डीएमके के टीआर बालू ने स्पीकर पद के लिए एनडीए उम्मीदवार का समर्थन करने से इनकार करते हुए राजनाथ सिंह के कार्यालय से बाहर निकल गए। इसके बाद के. सुरेश नामांकन के लिए चले गए।
इस मुद्दे पर सपा प्रमुख और सांसद अखिलेश यादव का कहना है, ''जल्द ही सब कुछ सामने आ जाएगा...विपक्ष की मांग थी कि (लोकसभा का) उपाध्यक्ष विपक्ष का हो...हमारी पार्टी की भी यही राय है'' ...।"
इंडिया गठबंधन के पास सदन में 230 सांसद हैं। भाजपा के पास 240 सांसद हैं। लेकिन भाजपा को जेडीयू और टीडीपी का समर्थन हासिल है। उम्मीद है कि एनडीए के स्पीकर प्रत्याशी ओम बिड़ला फिर से स्पीकर चुन लिए जाएंगे।
भाजपा तोड़ रही संसदीय मर्यादा
उपसभापति यानी डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष को मिलता रहा है। यूपीए सरकार में कांग्रेस ने हमेशा यह पद विपक्ष को दिया। भाजपा ने 2014 में अपनी सहयोगी पार्टी अन्नाद्रमुक के एम थंबी दुरई को उपाध्यक्ष नियुक्त किया था। तब भी उसने विपक्ष को यह पद नहीं दिया। 2019 से यह पद खाली रहा। अब 2024 में वो फिर से इस पद के लिए पैंतरेबाजी कर रही है। विपक्ष ने पेशकश की थी कि स्पीकर का चुनाव आम राय से हो और डिप्टी स्पीकर विपक्ष से बने लेकिन भाजपा ने यह मांग स्वीकार नहीं की।
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