मशहूर स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। उनके खिलाफ मुंबई के खार पुलिस स्टेशन में तीन और मामले दर्ज किए गए हैं। यह कार्रवाई महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बारे में कथित तौर पर की गई विवादास्पद टिप्पणियों के बाद हुई है। इन टिप्पणियों ने सत्तारूढ़ शिवसेना को नाराज कर दिया है, जिसके बाद उनके समर्थकों ने कुणाल के खिलाफ कानूनी कदम उठाए हैं।
मामलों का विवरण
जानकारी के मुताबिक, ये तीन नए मामले शनिवार को दर्ज किए गए। पहली शिकायत जलगांव शहर के मेयर ने की, जबकि अन्य दो शिकायतें नासिक के एक होटल व्यवसायी और एक व्यापारी की ओर से आईं। मुंबई पुलिस के अनुसार, कुणाल को पहले भी दो बार पूछताछ के लिए बुलाया जा चुका है, लेकिन वह अभी तक जांच के लिए हाजिर नहीं हुए हैं। इन मामलों में उन पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 353 (सार्वजनिक उपद्रव फैलाने वाले बयान) और 356(2) (मानहानि) के तहत आरोप लगाए गए हैं।
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इससे पहले, कुणाल के एक स्टैंड-अप शो में एकनाथ शिंदे पर "गद्दार" कहकर की गई टिप्पणी ने विवाद को जन्म दिया था। इस शो के बाद शिवसेना (शिंदे गुट) के कार्यकर्ताओं ने मुंबई के खार इलाके में हबीटेट स्टूडियो में तोड़फोड़ की, जहां यह कार्यक्रम फिल्माया गया था। इस घटना के बाद कुणाल के खिलाफ पहले से ही एक मामला दर्ज था, जो शिवसेना विधायक मुरजी पटेल ने दायर किया था।
संजय राउत का बयानः इस बीच, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता संजय राउत ने कुणाल कामरा के समर्थन में आवाज उठाई है। शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राउत ने कहा, "कुणाल कामरा को भी विशेष सुरक्षा दी जानी चाहिए। जैसे कंगना रनौत को हमसे विवाद के बाद विशेष सुरक्षा बल दिया गया था, वैसे ही कुणाल को भी यह अधिकार है।" राउत ने कुणाल को एक साहसी कलाकार बताते हुए कहा कि वह डरने वालों में से नहीं हैं और उन्हें कानून के दायरे में अपनी बात कहने का पूरा हक है।
मेरे अधिकार को बदला नहीं जा सकता
कुणाल कामरा ने इन आरोपों और धमकियों का जवाब देते हुए कहा, "मजाक करना मेरा अधिकार है। किसी प्रभावशाली व्यक्ति पर हंसी-मजाक करने से अगर कोई नाराज होता है, तो यह मेरे अधिकार को बदल नहीं सकता। जहां तक मुझे पता है, हमारे नेताओं और राजनीतिक व्यवस्था पर चुटकी लेना कानून के खिलाफ नहीं है।" उन्होंने माफी मांगने से साफ इनकार कर दिया और कहा कि वह जांच में सहयोग करेंगे, लेकिन अपने बयानों पर कायम रहेंगे।शुक्रवार को मद्रास हाई कोर्ट ने कुणाल कामरा को बड़ी राहत दी। कई एफआईआर के खिलाफ अग्रिम जमानत की मांग को स्वीकार करते हुए जस्टिस सुंदर मोहन ने 7 अप्रैल तक अंतरिम जमानत दी, हालांकि कुछ शर्तों के साथ। कुणाल ने कोर्ट में दावा किया था कि उनकी टिप्पणियों के बाद उन्हें धमकियां मिल रही हैं, जिसके चलते उन्होंने यह कदम उठाया।
यह विवाद तब शुरू हुआ जब कुणाल ने अपने शो "नया भारत" में महाराष्ट्र की राजनीति और एकनाथ शिंदे पर तंज कसा। उनके इस मजाक ने न केवल शिवसेना को भड़काया, बल्कि मुख्यधारा के मीडिया पर भी उनकी टिप्पणी ने हंगामा मचा दिया। कुणाल ने गुरुवार को मीडिया को "सत्ताधारी दल का प्रचार तंत्र" करार देते हुए कहा, "ये लोग देश के असल मुद्दों से ध्यान हटाते हैं। अगर ये सब कल से बंद हो जाएं, तो देश और इसके लोगों के लिए बेहतर होगा।"
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मुंबई पुलिस ने कुणाल को 31 मार्च को खार पुलिस स्टेशन में पेश होने का तीसरा समन जारी किया है। अगर वह इस बार भी हाजिर नहीं हुए, तो पुलिस सख्त कदम उठा सकती है। दूसरी ओर, संजय राउत का समर्थन और कोर्ट की राहत कुणाल के लिए कुछ हद तक ढाल बन सकती है। यह मामला अब केवल कानूनी लड़ाई नहीं, बल्कि अभिव्यक्ति की आजादी और राजनीतिक सत्ता के बीच टकराव का प्रतीक बन गया है।
कुणाल कामरा का यह विवाद आने वाले दिनों में और क्या रंग लाएगा, यह देखना बाकी है। लेकिन इतना तय है कि यह कहानी अभी खत्म नहीं हुई है।
रिपोर्ट और संपादनः यूसुफ किरमानी
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