प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मीडिया से उस तरह नहीं मिलते या प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं करते, जिस तरह भारत के तमाम पूर्व प्रधानमंत्री करते रहे हैं। जिसमें सबसे बेहतरीन रिश्ते अटल बिहारी वाजपेयी और विश्वनाथ प्रताप सिंह के समय रहे हैं। लेकिन डॉ मनमोहन सिंह और इंदिरा गांधी से लेकर राजीव गांधी तक किसी ने भी मीडिया से बातचीत के मामले में कभी निराश नहीं किया। मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पत्रकारों के साथ कोई सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं करते हैं। उन्होंने जब भी पत्रकारों के समूह से बात की है तो सवाल पूछने की अनुमति नहीं रही है। उसमें सिर्फ प्रधानमंत्री बोलते हैं। या फिर वो चुनिन्दा पत्रकारों को इंटरव्यू देते रहे हैं। समझा जाता है कि बुधवार को पत्रकारों से उनकी होने वाली मुलाकात में सिर्फ प्रधानमंत्री संबोधित करेंगे, कोई पत्रकार सवाल नहीं कर पाएगा।
बहरहाल, विपक्ष ने अपनी रणनीति को लेकर तमाम दलों से बातचीत शुरू कर दी है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कल बुधवार को समान विचारधारा वाली विपक्षी पार्टी के नेताओं से मंत्रणा करेंगे। बुधवार से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र के हंगामेदार होने की उम्मीद है क्योंकि विपक्ष नरेंद्र मोदी सरकार को मूल्य वृद्धि, बेरोजगारी, भारत-चीन सीमा की स्थिति, ईडब्ल्यूएस कोटे के फैसले और जल्दबाज़ी में चुनाव आयुक्त की नियुक्ति सहित कई मुद्दों पर घेरने का इरादा कर रहा है।
बुधवार को एमसीडी चुनाव के नतीजे आएंगे। जैसा कि उसमें आम आदमी पार्टी के बहुमत पाने की भविष्यवाणी की गई है। लेकिन उसे लेकर सदन में बहुत गहमागहमी नहीं रहेगी, क्योंकि लोकसभा में आप का कोई सांसद नहीं है। राज्यसभा में उसके सांसद बहुत ज्यादा उपस्थिति दर्ज कराने की स्थिति में नहीं है। लेकिन गुरुवार को गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे आएंगे। इसके नतीजों को लेकर संसद में गहमागहमी हो सकती है। दोनों राज्यों के नतीजे जीतने वाले दलों को संसद में सशक्त बनाएंगे।
इस सत्र में कोविड-19 प्रोटोकॉल को लेकर काफी ढील मिलने वाली है। महामारी फैलने के बाद पिछले सत्रों में प्रोटोकॉल कड़े रहे हैं। सरकार द्वारा 16 नए विधेयक लाने और दो विनियोग विधेयकों सहित अन्य नौ को पारित करने की योजना बनाए हुए है। 47 में से 31 दलों ने मंगलवार को सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं।
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