His blessings are special. His teachings, extraordinary.
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) September 24, 2022
Revered @SadhguruJV, in whose presence Kaziranga National Park opened today for tourists, has a special message to save precious Rhinos. And indeed he enjoyed the Jeep Safari.
Tourism Min Shri @jayanta_malla accompanied. pic.twitter.com/0donjtW9Vy
Prominent spiritual leader @SriSri Ravi Shankar at Chintan Shivir being held at Kaziranga.@himantabiswa@ArtofLiving pic.twitter.com/te1ZdZbWDl
— MyGov Assam (@mygovassam) September 25, 2022
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि अभी कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है, लेकिन हमने प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है। एनजीओ जीपल कृषक के मुख्य सलाहकार सोनेश्वर नारा ने कहा, हमने तीनों के खिलाफ शिकायत दे दी है और उम्मीद करते हैं कि कार्रवाई होगी। हम इस मामले को कोर्ट में भी ले जा सकते हैं। हम कई वर्षों से काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के क्षेत्र में रह रहे हैं और वन्य जीवों, राष्ट्रीय उद्यान के लिए कई चीजों का त्याग किया है। हमारे कई लोगों को वनकर्मियों ने मार डाला और उन्हें शिकारियों के रूप में प्रचारित किया। उन्होंने कहा, कानून सभी के लिए समान है। वे वन्यजीव संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन कैसे कर सकते हैं? हम ऐसी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्हें कानून का उल्लंघन करने के लिए गिरफ्तार किया जाना चाहिए।
मामले में लीपापोती
असम के प्रधान मुख्य वन संरक्षक एमके यादव ने कहा कि वन विभाग ने सद्गुरु और मुख्यमंत्री को आमंत्रित किया था। इसलिए यह कहना गलत है कि सद्गुरु और हमारे मुख्यमंत्री ने देर रात पार्क में प्रवेश किया और सफारी का आनंद लिया। हमने सभी इंतजाम किए थे और ऐसी कोई वजह नहीं थी कि हम योजना को सिर्फ इसलिए रद्द कर सकें क्योंकि अंधेरा हो रहा था। काजीरंगा नेशनल पार्क को बदनाम करने के लिए लोगों का छिपा एजेंडा है। इसलिए वे इस मामले को तूल दे रहे हैं। बयान देने वाले लोग सच्चाई जानना ही नहीं चाहते हैं।There's a hidden agenda behind this to defame Kaziranga National Park & people making these statements aren't aware of actual facts & haven't even tried to know the facts: MK Yadava, PCCF & HoFF, Assam & Chief Wildlife Warden on CM HB Sarma& Sadhguru's jungle safari late at night pic.twitter.com/pWFJg4ORlK
— ANI (@ANI) September 26, 2022
नियम क्या कहता है
पूरी दुनिया में तमाम नेशनल पार्क में एक प्रोटोकॉल का पालन होता है। जहां सूर्यास्त के बाद पार्क के अंदर जाने की अनुमति नहीं है क्योंकि इससे वन्यजीवों को परेशानी होती है। वो सोते रहते हैं और उनकी नींद में खलल पड़ता है। कुछ वन्य जीव सिर्फ रात को अंधेरे में ही निकलते हैं। गाड़ी रोशनी उन्हें परेशान करती है। जिन अंतरराष्ट्रीय नाइट सफारी में जाने की अनुमति है, वो भी एक सीमित दायरे में पर्यटकों को ले जाया जाता है, जिसके लिए खास इंतजाम और वाहन होते हैं।काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान की वेबसाइट पर ही लिखा हुआ है कि पार्क में सुबह 8 से 10 बजे तक और दोपहर 2 से 4 बजे तक ही जीप और हाथी सफारी का संचालन किया जाता है। इसका अर्थ यह है कि शाम 5 बजे के बाद पार्क के अंदर जाना मना है।
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