कांग्रेस ने गुरुवार को कश्मीर में लगातार हो रही टारगेट किलिंग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कठघरे में खड़ा किया है। पार्टी के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि मोदी सरकार कश्मीरी पंडितों की स्थिति पर श्वेत पत्र जारी करे और इस श्वेत पत्र में सरकार ने जो किया है और जो नहीं किया है, उसकी जानकारी दे। उन्होंने कहा कि कश्मीर में लगातार हो रही टारगेट किलिंग पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जवाब देना पड़ेगा।
बताना होगा कि पिछले कुछ महीनों से आतंकवादियों ने एक के बाद एक बड़ी संख्या में कश्मीरी पंडितों और रोजी-रोटी कमाने के लिए दूसरे राज्यों से कश्मीर पहुंचे लोगों को मौत के घाट उतारा है।
ऐसी घटनाएं तब तेज हो रही हैं जब राज्य के अंदर कुछ ही महीनों के भीतर विधानसभा के चुनाव होने हैं। आतंकवादियों द्वारा लगातार निशाना बनाए जाने के कारण कश्मीरी पंडित उन्हें कश्मीर से बाहर शिफ्ट करने की मांग को लेकर जम्मू में लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा है कि इस साल अक्टूबर तक तीस टारगेट किलिंग हो चुकी हैं और बीजेपी के लिए यह सामान्य बात है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के समय में जम्मू के बाहर जगती टाउनशिप में कश्मीरी पंडितों को बसाने के लिए कलस्टर बनाए गए थे, तब 4500 कश्मीरी पंडित कर्मचारियों को वहां बसाया गया था और स्थिति सामान्य हो गई थी।
खेड़ा ने कहा कि मोदी सरकार कश्मीरी पंडितों को सुरक्षित नहीं रख सकती, पुनर्स्थापन नहीं कर सकती और उन्हें वहां जबरन रखकर विश्व को दिखाना चाहती है कि कश्मीर में सब बढ़िया है।
पवन खेड़ा ने कहा कि 1989 में जब कश्मीरी पंडितों का पहला विस्थापन हुआ था, उस समय बीजेपी के समर्थन से वी.पी. सिंह की सरकार चल रही थी और इस मुद्दे पर बीजेपी ने सरकार से समर्थन वापस नहीं लिया था।
पवन खेड़ा ने कहा कि शोपियां जैसे इलाके में भी कश्मीरी पंडित 32 साल तक डटे रहे थे, जब हम दिवाली मना रहे थे, उसी रात शोपियां से 15 कश्मीरी पंडित परिवार अपने पुश्तैनी घर को मजबूर होकर छोड़कर चले गए।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में कश्मीरी पंडितों की कोई सुनवाई नहीं है और इन हालातों से बेपरवाह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कपड़े बदल-बदलकर इवेंट रचा रहे हैं।
शोपियां जिले में कुछ दिन पहले आतंकियों ने एक कश्मीरी पंडित की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके अलावा बाहर से आए लोगों की भी लगातार हत्या की जा रही है।
दहशत का माहौल
इस साल मई में बडगाम में राहुल भट की हत्या के बाद से ही कश्मीरी पंडित उन्हें सुरक्षित इलाकों में भेजे जाने की मांग को लेकर लगातार आंदोलन कर रहे हैं। डर के चलते ही पिछले 5 महीनों से 6000 कश्मीरी पंडित अपने दफ्तरों में नहीं जा सके हैं। कश्मीरी पंडितों का कहना है कि उन्हें यहां से हटाकर जम्मू में ट्रांसफर किया जाए लेकिन सरकार इसके लिए कुछ नहीं कर रही है।
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