जम्मू कश्मीर में कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट की हत्या के विरोध में वहां रह रहे पंडितों का प्रदर्शन शनिवार को भी जारी रहा। दूसरे दिन इनके समर्थन में बीजेपी और कांग्रेस ने भी अलग-अलग प्रदर्शन किए। प्रदर्शन के दौरान कश्मीरी पंडितों की शनिवार को भी पुलिस से भिड़ंत हुई। इसी बीच, कश्मीरी पंडित समुदाय के सरकारी कर्मचारियों ने कश्मीर घाटी से निकासी के लिए हताशा भरी अपील की है।ऑल पीएम पैकेज एंप्लॉइज फोरम ने 14 मई को जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को लिखे एक पत्र में लिखा, हम, पीएम पैकेज कर्मचारी और गैर-पीएम पैकेज कर्मचारी आपसे अनुरोध करते हैं कि कृपया हमें कश्मीर प्रांत से सुरक्षित निकाल लें और बचा लें। अगर आप लोग कुछ भी करने में सक्षम नहीं है, तो हम सामूहिक इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं ... कश्मीर हमारे लिए सुरक्षित नहीं है।
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ऑल पीएम पैकेज कर्मचारी फोरम कश्मीरी पंडित कर्मचारियों की एक संस्था है।
पत्र में उन्होंने लिखा है कि वे दुनिया में कहीं भी सेवा करने को तैयार हैं लेकिन कश्मीर में नहीं। पत्र में कहा गया है, हम यहां नहीं रह पा रहे हैं... हमें यहां रोजाना मारा जा रहा है।
जम्मू-कश्मीर के बडगाम जिले में गुरुवार दोपहर आतंकियों ने राजस्व विभाग के कर्मचारी राहुल भट पर फायरिंग कर दी। पीड़ित को श्रीनगर के एक अस्पताल ले जाया गया, जहां थोड़ी देर बाद उसकी मृत्यु हो गई।
12 मई को राहुल भट की मौत के बाद से कश्मीरी पंडित पूरे क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। गुरुवार को, कश्मीर घाटी में 350 से अधिक सरकारी कर्मचारियों, सभी कश्मीरी पंडितों ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को अपना इस्तीफा सौंप दिया।
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