कर्नाटक का संकट ख़त्म होने का नाम नहीं ले रहा है। अब राज्यपाल भी बयान देकर झमेले में पड़ गये हैं। तो क्या राज्यपाल सरकार को भंग कर सकते हैं? क्या स्पीकर संवैधानिक नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। देखिए 'आशुतोष की बात' में क्या होगा सरकार का भविष्य।
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।