इंडिगो के विमान में आपातकालीन निकास द्वार खोलने वाले शख्स बीजेपी सांसद ही थे, यह बात पहली बार सरकारी तौर पर मान ली गई है। खुद नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के ताज़ा बयान से यह साफ़ हुआ है। सिंधिया ने बुधवार को कहा कि तेजस्वी सूर्या ने गलती से इंडिगो विमान का आपातकालीन निकास द्वार खोल दिया और वह पहले ही माफी मांग चुके हैं। अब तक एयरलाइन ने भी उनके नाम का खुलासा नहीं किया था और प्रत्यक्षदर्शियों ने ही मीडिया के सामने बयान दिया था।
कांग्रेस सहित विपक्षी दल बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या पर हमलावर हैं। उन्होंने मीडिया रिपोर्टों के बीच निशाना साधा कि जिस यात्री ने इंडिगो विमान का आपातकालीन निकास द्वार खोल दिया था वह कथित तौर पर भाजपा युवा मोर्चा के प्रमुख तेजस्वी सूर्या थे। ये आरोप ख़ासकर इसलिए और भी बड़े हैं कि इतनी बड़ी सुरक्षा चूक के लिए कार्रवाई क्यों नहीं हुई? विपक्षी दल सहित सोशल मीडिया यूजर ये सवाल पूछ रहे हैं।
ऐसे ही सवालों के बीच अब नागरिक उड्डयन मंत्री सिंधिया की सफ़ाई आई है। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार सिंधिया ने संवाददाताओं से कहा, '...तथ्यों को देखें। दरवाजा गलती से खुल गया, सभी जाँच की गई और उसके बाद ही विमान को उड़ान भरने की अनुमति दी गई। और उन्होंने खुद इसके लिए खेद भी व्यक्त किया।'
इंडिगो के बयान में भी मंगलवार को कहा गया था, 'यात्री ने तुरंत माफी मांगी थी। एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) के अनुसार, घटना दर्ज की गई और विमान को अनिवार्य इंजीनियरिंग जांच से गुजरना पड़ा, जिससे उड़ान में देरी हुई।'
घटना पिछले महीने 10 दिसंबर की है। रिपोर्ट आयी थी कि एक यात्री ने उड़ान से पहले विमान का इमरजेंसी एग्ज़िट गेट खोल दिया। इस वजह से विमान के उड़ने में क़रीब 2 घंटे की देरी हुई थी।
आरोप है कि इस गड़बड़ी के लिए न तो कार्रवाई हुई और न ही डीजीसीए के ध्यान में लाया गया। कांग्रेस ने इसको लेकर बीजेपी नेता पर निशाना साधा। रणदीप सिंह सूरजेवाला ने ट्वीट किया, 'बीजेपी के वीआइपी बदमाश! एयरलाइन की शिकायत करने की हिम्मत कैसे हुई? क्या यह भाजपा के ताक़तवर अभिजात वर्ग का तरीका है? क्या इसने यात्री सुरक्षा से समझौता किया? ओह! आप भाजपा के वी. आई.पी. के बारे में प्रश्न नहीं पूछ सकते!'
तृणमूल कांग्रेस ने इस घटना को लेकर बीजेपी सांसद पर निशाना साधा। इसने कहा है, 'भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या की लापरवाही से जान जा सकती थी। चश्मदीदों का दावा है कि उन्होंने ही 10 दिसंबर, 2022 को इंडिगो की एक उड़ान का आपातकालीन निकास द्वार खोला था। डीजीसीए की ओर से कोई कार्रवाई नहीं। तो, क्या उनकी पार्टी से जुड़ाव ने उन्हें फ्री-पास दे दिया?'
अभिषेक सिंघवी ने कहा है, "ऐसा लगता है कि कोई राजनीतिक जीवन में बड़ा हासिल करने के लिए बहुत उत्सुक है। ऐसा नहीं होता है। राजनीति में सफलता विनम्रता और दृढ़ता से मिलती है, अस्थिरता और अहंकार से नहीं।'
प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट किया है, 'क्या इंडिगो ने इस घटना की सूचना डीजीसीए को दी है? क्या किसी को इस घटना का स्वत: संज्ञान नहीं लेना चाहिए? क्या होता अगर रनवे पर खड़े होने के बजाय विमान के उड़ान भरने के बाद ऐसा हुआ होता, तो क्या माफी पर्याप्त होनी चाहिए?'
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विपक्षी दल कार्रवाई की मांग क्यों कर रहे हैं? क्या आपातकालीन द्वार को खोल देना मामूली बात है। यदि ऐसा है तो क़रीब पाँच साल पहले ऐसे ही एक मामले में एफ़आईआर क्यों की गई थी?
फैक्ट चेकर मुहम्मद ज़ुबैर ने एक ऐसी ही घटना का ज़िक्र ट्वीट में किया है, "2017 में एक यात्री ने आपातकालीन द्वार खोला, इंडिगो ने तुरंत यात्री के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई और उसे सुरक्षा अधिकारियों को सौंप दिया। डीजीसीए को इस घटना की जानकारी पहले से ही थी।
2023 : 'पैसेंजर' ने खोला इमरजेंसी दरवाजा, इंडिगो ने दर्ज नहीं की एफआईआर, DGCA ने एक महीने बाद जांच के आदेश दिए।'
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