जस्टिस यशवंत वर्मा का नाम पहले सीबीआई की एक एफआईआर और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की एक ईसीआईआर में आया था। उस समय वो 2014 में इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज के रूप में पदोन्नत होने से पहले एक कंपनी के गैर-कार्यकारी निदेशक थे। जस्टिस वर्मा, जो अभी तक दिल्ली हाईकोर्ट में सेवा दे रहे थे, उनके सरकारी आवास से कथित तौर पर कैश बरामद हुआ और उसके बाद सोशल मीडिया पर उनके पर आरोपों की बौछार कर दी गई। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उनका तबादला इलाहाबाद हाईकोर्ट में कर दिया। उनके खिलाऱ एक आंतरिक जांच भी शुरू हो गई।