देश भर में एक के बाद एक मस्जिदों पर मुकदमे दायर किए जाने से रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस रोहिंटन नरीमन ने एक रास्ता बताया है। उन्होंने गुरुवार को कहा कि हालाँकि अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला धर्मनिरपेक्षता के लिए न्याय का मजाक था, लेकिन 1991 के पूजा स्थल अधिनियम की पुष्टि करने वाले फैसले के पांच पन्ने एक उम्मीद की किरण थे। उन्होंने कहा कि फ़ैसले के उन पाँच पन्नों को देश भर की निचली अदालतों और हाईकोर्टों में पढ़ाया जाना चाहिए।