संयुक्त संसदीय समिति ने वक्फ विधेयक में एनडीए सांसदों द्वारा सुझाए गए सभी 14 संशोधन मान लिए और विपक्षी सांसदों द्वारा सुझाए गए सभी 44 संशोधन खारिज कर दिए। इसने जो संशोधन स्वीकार किए हैं उनमें से प्रमुख वह है जिसमें अनिवार्य दो गैर-मुस्लिम सदस्यों और मनोनीत पदेन सदस्यों के बीच अंतर बताया गया है। मनोनीत पदेन सदस्य मुस्लिम या गैर-मुस्लिम हो सकता है। मुस्लिम पक्ष वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल करने का विरोध करते रहे हैं।
वक्फ बिल में एनडीए सांसदों के 14 संशोधन माने, विपक्ष के 44 खारिज, ऐसा क्यों?
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- 29 Jan, 2025
वक़्फ विधेयक में एनडीए सांसदों के ही संशोधनों को ही जेपीसी ने क्यों माना? विपक्षी सांसदों के सभी संशोधनों को खारिज किए जाने की वजह क्या है?

वक़्फ विधेयक पर काफी विवाद रहा है और इसको लेकर विपक्षी दल आपत्ति जताते रहे हैं। इस पर उनकी क्या आपत्ति रही है, यह जानने से पहले यह जान लें कि संयुक्त संसदीय कमेटी ने क्या ताज़ा फ़ैसला लिया है और किन संशोधनों को स्वीकार किया गया है। जेपीसी की बैठक के बाद सोमवार को समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा कि सोमवार को पारित संशोधनों के बाद एक बेहतर विधेयक बनेगा और गरीब और पसमांदा मुसलमानों को लाभ देने का सरकार का उद्देश्य पूरा होगा।