अमेरिका में गौतम अडानी पर आरोप लगा है कि उन्होंने भारत में एक बड़ा पावर प्रोजेक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को 250 मिलियन डॉलर यानी क़रीब 2000 करोड़ रुपये की रिश्वत देने की योजना बनाई।
केंद्र सरकार की शर्तों पर बनी कोई जांच समिति शायद ही ईमानदारी से मुद्दे की जांज करे। जांच करने की बजाये यह जांच को भटका सकती है। इसका कारण अडाना और मोदी के निजि संबंध हैं। ऐसे में निस्पक्ष जांच की उम्मीद बेमानी है।