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मोदानी घोटालों की जेपीसी जांच की मांग सही साबित हुई: कांग्रेस

अमेरिका द्वारा गौतम अडानी पर रिश्वत देने की योजना बनाने का आरोप लगाए जाने के कुछ घंटों बाद ही कांग्रेस ने पीएम मोदी और अडानी के संबंधों को लेकर जोरदार हमला बोला। इसने कहा कि न्यूयॉर्क के पूर्वी ज़िले के अमेरिकी अटॉर्नी कार्यालय द्वारा गौतम अडानी और उनसे जुड़े अन्य लोगों पर गंभीर आरोप लगाना 'मोदानी घोटालों' की संयुक्त संसदीय समिति यानी जेपीसी जांच की मांग को सही ठहराता है। कांग्रेस पिछले साल जनवरी से विभिन्न 'मोदानी घोटालों' की जेपीसी जांच की मांग कर रही है।

कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए उनके और 'उनके पसंदीदा व्यवसायी' के बीच आंतरिक सांठगांठ का आरोप लगाया। इसने कहा है, 'आरोप है कि अमेरिका में कॉन्ट्रैक्ट पाने के लिए अडानी ने 2,200 करोड़ रुपए की घूस दी। जब इस मामले की जांच होने लगी तो जांच रोकने की साजिश भी रची गई। अब अमेरिका में अडानी के खिलाफ गिरफ़्तारी वारंट जारी हुआ है। अजीब बात है... कांग्रेस लगातार अडानी और इससे जुड़े घपलों की जांच की बात कह रही है, लेकिन नरेंद्र मोदी पूरी ताकत से अडानी को बचाने में लगे हैं। वजह साफ है- अडानी की जांच होगी तो हर कड़ी नरेंद्र मोदी से जुड़ेगी।

अमेरिका में उनपर आरोप लगा है कि उन्होंने भारत में एक बड़ा पावर प्रोजेक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को 250 मिलियन डॉलर यानी क़रीब 2000 करोड़ रुपये की रिश्वत देने की साजिश रची। द गार्डियन की रिपोर्ट में कहा गया है कि या तो घूस की यह रक़म भुगतान की जा रही है या फिर यह देना तय हुआ है। न्यूयॉर्क में उनपर यह आरोप इसलिए लगा है कि 250 मिलियन डॉलर की रिश्वत देने की इस योजना को अमेरिकी निवेशकों से छिपाया गया।

इसी रिपोर्ट को लेकर वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग द्वारा गौतम अडानी और अन्य पर अभियोग लगाया जाना उनकी पार्टी के संयुक्त संसदीय समिति जांच के आह्वान को सही साबित करता है। रमेश ने कहा कि कांग्रेस जनवरी 2023 से ही अडानी और उनके व्यापारिक सौदों से जुड़ी कथित अनियमितताओं पर चिंता जताते हुए जांच की मांग कर रही है। रमेश ने पार्टी की 'हम अडानी के हैं' श्रृंखला का जिक्र किया, जिसमें कथित घोटालों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गौतम अडानी के बीच संबंधों के बारे में 100 सवाल उठाए गए थे। उन्होंने कहा कि इन सवालों के जवाब आज तक नहीं दिए गए हैं।

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जयराम रमेश ने कहा, 'ये सब प्रधानमंत्री के स्पष्ट संरक्षण और कुछ नहीं होगा वाली सोच के साथ की गई धोखाधड़ी और अपराधों के एक लंबे रिकॉर्ड के अनुरूप है। तथ्य यह है कि अडानी की उचित जांच करने के लिए विदेशी अधिकार क्षेत्र का सहारा लिया गया है, इससे पता चलता है कि कैसे भारतीय संस्थानों पर भाजपा ने कब्जा कर लिया है, और कैसे लालची और सत्ता के भूखे नेताओं ने दशकों के संस्थागत विकास को बर्बाद कर दिया है।'

कांग्रेस नेता ने कहा है, 'इस ख़ुलासे के बाद सेबी की नाकामी भी एक बार फ़िर से सामने आई है, जो अडानी ग्रुप द्वारा प्रतिभूतियों और अन्य कानूनों के उल्लंघन की जांच कर रहा है और ग्रुप को उसके निवेश के स्रोत, शेल कंपनियों, आदि के लिए ज़िम्मेदार ठहराने में पूरी तरह से विफल रहा है।'
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भारतीय निवेशकों के साथ विश्वासघात: पवन खेड़ा

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने गौतम अडानी और उनके समूह के खिलाफ लगे नये आरोपों को भारतीय निवेशकों के साथ विश्वासघात क़रार दिया है। अमेरिकी आरोपों पर मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए एक्स पर एक पोस्ट में पवन खेड़ा ने कहा कि गौतम अडानी ने इस योजना को आगे बढ़ाने के लिए व्यक्तिगत रूप से एक सरकारी अधिकारी से मुलाकात की।

पवन खेड़ा ने मार्च 2024 की एक घटना का जिक्र किया, जिसमें अडानी समूह ने कथित तौर पर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज को गुमराह किया था। उन्होंने इसे निवेशकों के भरोसे का गंभीर उल्लंघन बताया। उन्होंने आगे मार्च 2023 में गौतम अडानी के भतीजे सागर अडानी के परिसरों पर एफबीआई की छापेमारी का ज़िक्र किया, जहां जांच के तहत इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए गए थे। खेड़ा ने सेबी और सीबीआई सहित केंद्रीय नियामक एजेंसियों पर पहले अडानी को बचाने का आरोप लगाया। हालांकि, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अमेरिकी न्यायपालिका समूह को जवाबदेही से बचने की अनुमति नहीं देगी।

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क़मर वहीद नक़वी
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