वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट को राज्यसभा और लोकसभा में पेश किया गया। राज्यसभा में इसे स्वीकार कर लिया गया। इस दौरान विपक्ष ने दोनों सदनों में काफी हंगामा किया। राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ को गुरुवार को कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। विधेयक पर रिपोर्ट को राज्यसभा सांसद मेधा कुलकर्णी ने पेश किया। विपक्षी सांसदों ने आरोप लगाया कि असहमति नोट के तमाम हिस्सों को इस रिपोर्ट से हटा दिया गया है। उन्हें यह रिपोर्ट नामंजूर है। शोर होने पर धनखड़ ने राज्यसभा की कार्यवाही कुछ देर के लिए स्थगित कर दी।
सदन की कार्यवाही फिर से शुरू होने पर जब धनखड़ ने राष्ट्रपति का संदेश पढ़ना शुरू किया तो हंगामा फिर शुरू हो गया। रिपोर्ट पर चर्चा के दौरान ही विपक्ष ने अंत में राज्यसभा से वॉकआउट कर दिया। विपक्ष के नेता और कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि विपक्ष ऐसी "फर्जी रिपोर्ट" को स्वीकार नहीं करेगा जो "हमारे विचारों को दबाती हैं।" कांग्रेस ने मांग की कि रिपोर्ट को जेपीसी को वापस भेजा जाए और फिर से पेश किया जाए।
खड़गे ने कहा, "जेपीसी रिपोर्ट में कई सदस्यों ने अपनी असहमति जताई है। उन टिप्पणियों को हटाना और हमारे विचारों को दबाना सही नहीं है। यह लोकतंत्र विरोधी है... हम ऐसी फर्जी रिपोर्ट कभी स्वीकार नहीं करेंगे। अगर रिपोर्ट में असहमति वाले विचार नहीं हैं तो उसे वापस भेजा जाना चाहिए और दोबारा पेश किया जाना चाहिए।"
वक्फ बोर्ड की JPC में अनेक सांसदों ने अपने Dissent notes दिए हैं, लेकिन उन्हें कार्यवाही से निकाल दिया गया।
— Mallikarjun Kharge (@kharge) February 13, 2025
यह अलोकतांत्रिक है। ये सदन इस फर्जी रिपोर्ट को नहीं मानेगा।
मेरा अनुरोध है कि अगर इसमें Dissent notes हटाए गए हैं तो रिपोर्ट को वापस JPC में भेजा जाए और इसमें संसद… pic.twitter.com/Z0ZB2nnkBc
विपक्ष की एकजुटता के बीच इंडिया गठबंधन के कई सांसदों ने भी खड़गे का समर्थन किया। शिवसेना (यूबीटी) के सांसद अरविंद सावंत ने दावा किया कि जेपीसी की बैठकों में कभी भी खंड-दर-खंड चर्चा नहीं की गई। उन्होंने कहा, "इस वजह से, हमने असहमति नोट दिया। उन्होंने हमारे द्वारा दिया गया असहमति नोट हटा दिया है।"
👉 The Minister of Minority Affairs is misleading the House.
— Congress (@INCIndia) February 13, 2025
👉 In the JPC, non-stakeholders were invited, minutes of meetings were not provided, witnesses' responses were not shared, presentations were not made available, and discussions among JPC members did not take place.… pic.twitter.com/4dtZGIEj56
खड़गे के दावों का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि असहमति के नोट रिपोर्ट के परिशिष्ट में संलग्न हैं और विपक्ष पर सदन को गुमराह करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "रिपोर्ट से कुछ भी हटाया नहीं गया है... विपक्ष के सदस्य एक अनावश्यक मुद्दा बना रहे हैं।"
वक्फ रिपोर्ट पर कई सांसदों के साथ मैंने भी अपनी असहमति दर्ज कराई है।
— Congress (@INCIndia) February 13, 2025
इस संशोधित विधेयक की संवैधानिक खामियों का हमने अपने Dissent notes में जिक्र किया है।
जब भी इस पर चर्चा होगी, तब हम इसका खुलासा करेंगे।
: @GauravGogoiAsm जी pic.twitter.com/XM9UJguUgh
विपक्ष पर निशाना साधते हुए केंद्रीय मंत्री और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि "कुछ लोग भारतीय स्टेट (भारत) से लड़ने की कोशिश कर रहे हैं।" बता दें कि यह राहुल गांधी की पिछले साल की विवादास्पद टिप्पणी का संदर्भ है। हालांकि राहुल के बयान का गलत मतलब बीजेपी वालों ने निकाला था। पिछले साल, उन्होंने कहा था कि कांग्रेस न केवल भाजपा और आरएसएस से लड़ रही है, बल्कि "भारत सरकार" से भी लड़ रही है।
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