जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में फ़ीस वृद्धि के ख़िलाफ़ चल रहा आन्दोलन बहुत पहले ही ख़त्म हो गया होता। इसके लिए एक फ़ॉर्मूला तय कर लिया गया था और उस पर सभी पक्षों की अनौपचारिक सहमति बन चुकी थी।