अनुच्छेद 370 में बदलाव के तीन हफ़्ते बाद भी जम्मू-कश्मीर में फ़ोन लाइन, इंटरनेट बंद हैं। आवाजाही बाधित है। सरकारी कार्यालय और कुछ स्कूल खुले हैं, लेकिन उपस्थिति न के बराबर है? इसे क्या हालात सामान्य कहेंगे? देखिए 'आशुतोष की बात' में स्वतंत्र रूप से कश्मीर पर विचार रखने वाले सलमान निज़ामी के साथ चर्चा।
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।