काबुल एयरपोर्ट के बाहर हुए बम धमाकों की जिम्मेदारी इसलामिक स्टेट ऑफ़ खोरासान ने ली है जिसे आईएसआईएस (के) या आईएस (के) भी कहा जाता है। ताज़ा बम धमाकों में इसका नाम आने के बाद भारत की चिंता ज़्यादा बढ़ गई है, लेकिन क्यों, हम इसी बारे में यहां बात करेंगे।
बेहद ख़तरनाक है आईएस ख़ोरासान, भारत की भी चिंता बढ़ी
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- 28 Aug, 2021
2014-15 के वक़्त जब आईएसआईएस सीरिया और इराक़ में अपना विस्तार कर रहा था, उसी दौरान यह आईएस (के) वजूद में आया था।

2014-15 के वक़्त जब आईएसआईएस सीरिया और इराक़ में अपना विस्तार कर रहा था, उसी दौरान यह आईएस (के) वजूद में आया था। सीधे शब्दों में आईएस (के) आईएस का ही विस्तार है। 2015-16 में आईएस (के) ने अफगानिस्तान में मौजूद अमेरिकी सेनाओं पर हमले किए थे।
आईएसआईएस के सरगना अबु बकर-अल बग़दादी का ही सपना इसलामिक स्टेट ऑफ़ ख़ोरासान बनाने का था। वह चाहता था कि उज़्बेकिस्तान, कज़ाकिस्तान, लेबनान, फिलिस्तीन, पाकिस्तान, इराक़, आधा ईरान, सीरिया, तुर्कमेनिस्तान, जॉर्डन और अफ़ग़ानिस्तान के साथ ही हिंदुस्तान के भी कुछ इलाक़ों को शामिल कर इसलामिक स्टेट ऑफ़ ख़ोरासान बनाया जाए।