loader
गुरपतवंत सिंह पन्नू (बाएं) और हरदीप सिंह निज्जर

भारतीय जेम्स बॉन्ड CC-1 ने ही क्या निज्जर की हत्या कराई, निखिल गुप्ता खोलेगा राज़?

सिख अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की कथित हत्या की साजिश का राज़ अमेरिका में खुल चुका है। मुख्य आरोपी कथित भारतीय जेम्स बॉन्ड CC-1 भारत में बैठा था। वो अमेरिका में निखिल गुप्ता को पन्नू की हत्या के लिए निर्देशित कर रहा था। निखिल को पैसे से एक अंडर कवर यानी भाड़े के हत्यारे की सेवाएं लेने को कहा गया था। इससे पहले की प्लान अमल में आता, जांच एजेंसियों को पता चल गया। अमेरिका ने भारत से विरोध दर्ज कराया। भारत ने फौरन जांच कमेटी गठित कर दी और अमेरिका से इंतजार करने को कहा है। यह सारी जानकारी सामने आ चुकी है। लेकिन अमेरिका की मैनहट्टन फेडरल कोर्ट में जो दस्तावेज वहां के अटॉर्नी ने जमा कराए हैं, उससे कुछ नई बातें सामने आई हैं।    
अमेरिकी मीडिया के मुताबिक 52 साल के निखिल गुप्ता को 30 जून को प्राग हवाई अड्डे पर चेक अधिकारियों ने गिरफ्तार किया था। गुप्ता वहां 'व्यापार और पर्यटन' के मकसद से चेक गणराज्य में गया था, लेकिन एक गुप्त सूचना पर चेक नेशनल ड्रग अधिकारियों को मादक पदार्थों की तस्करी में उसकी कथित संलिप्तता के बारे में पता चला। 

ताजा ख़बरें

प्राग क्यों गया था निखिल गुप्ता

गुप्ता को हिरासत में लेने के बाद, चेक अधिकारियों ने प्राग में भारतीय दूतावास को अमेरिकी अदालत के आदेश के आधार पर उनकी हिरासत के बारे में सूचित किया। उस समय, भारतीय दूतावास गुप्ता के बैकग्राउंड से वाकिफ नहीं था और भारतीय नागरिकों को कांसुलर सहायता देने के लिए सरकारी प्रक्रिया का पालन कर रहा था। उन्होंने गुप्ता के पासपोर्ट से उसकी पहचान और राष्ट्रीयता का सत्यापन किया। लेकिन इस दौरान, चेक अधिकारियों ने उन खास अपराधों का खुलासा नहीं किया जिनके लिए गुप्ता की जांच की जा रही थी। हैरानी की बता है कि निखिल गुप्ता ने भारतीय दूतावास से कानूनी मदद भी नहीं मांगी, हालांकि विदेश में जब कोई भारतीय संकट में पड़ता है तो वो अपने दूतावास से ही मदद मांगता है। इसके बजाय, निखिल गुप्ता ने प्राग में अपने लिए कानूनी वकील की व्यवस्था की।

अब इसके आगे निखिल गुप्ता में दो तरह की सूचनाएं हैं। एक सूचना के अनुसार, निखिल गुप्ता को नवंबर के मध्य में प्राग में एक उच्च सुरक्षा जेल सुविधा से अमेरिकी अधिकार क्षेत्र में ट्रांसफर कर दिया गया था। यानी इस समय वो अमेरिका के कब्जे में है, लेकिन कहां है, इसका पता कथित भारतीय जेम्स बॉन्डों को भी नहीं है। दूसरी सूचना के अनुसार निखिल गुप्ता अभी भी प्राग में वहां की एजेंसी के कब्जे में है और अमेरिका में उसके प्रत्यर्पण का इतंजार है। बहरहाल, जो भी सूचना हो, उसे जल्द ही मैनहट्टन फेडरेल कोर्ट में पेश किया जाएगा और उसके बाद तमाम राज सामने आना शुरू होंगे।

निज्जर की हत्या का शक कनाडा ने भारत पर क्यों किया

निखिल गुप्ता के मामले का यूएस में पर्दाफाश होने के बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने बयान दिया कि इससे हमारे आरोपों की पुष्टि होती है। भारतीय एजेंटों का हाथ कनाडाई नागरिक और सिख अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में है। भारत को सहयोग करना चाहिए। दरअसल, कनाडाई पीएम ने यह बात अमेरिकी कोर्ट में पेश दस्तावेजों के आधार पर कही। अमेरिकी कोर्ट में पेश दस्तावेजों में क्या कहा गया..आगे पढ़िए।
मैनहट्टन फेडरल कोर्ट में दायर 15 पेजों के अभियोग में आरोप लगाया गया है कि न्यू यॉर्क में सिख अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश एक भारतीय सरकारी अधिकारी द्वारा निर्देशित की गई थी। यह साजिश कनाडा सहित तमाम देशों में सिख अलगाववादियों की हत्या करने की एक बड़ी कथित योजना का हिस्सा थी।
इसका अर्थ क्या निकलता है....जिस साजिश के प्लॉट को निखिल गुप्ता तक माना जा रहा है, वो प्लॉट बहुत बड़ा है और उसे कोई अंतरराष्ट्रीय एजेंसी या संगठन ही अंजाम दे सकता है। इस सिलसिले में पाकिस्तान में सिख आतंकवादी परमजीत सिंह पंजवड़ की हत्या और लश्कर-ए-तैबा और जैश-ए-मोहम्मद के कई आतंकियों की हत्या की बात को लेकर पाकिस्तानी संगठन भारत पर आरोप लगाते रहे हैं। पन्नू का मामला सामने आने के बाद 25 नवंबर को पाकिस्तान विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने भारत पर विश्व स्तर पर जासूसी करने और गैर क्षेत्रीय इलाके में हत्याओं में शामिल होने का आरोप लगाया। उनका इशारा पाकिस्तान में मारे गए आतंकियों की तरफ था। 
अमेरिकी अटॉर्नी ने कोर्ट को बताया कि भारत सरकार के जिस अधिकारी (CC-1) ने कथित तौर पर न्यूयॉर्क में हत्या का आदेश दिया था, उसने 18 जून को निज्जर की हत्या की वीडियो क्लिप घटना के कुछ ही देर बाद निखिल गुप्ता नामक भारतीय संपर्क को भेजा था। अमेरिकी अटॉर्नी के अनुसार, क्लिप प्राप्त करने के कुछ मिनट बाद, गुप्ता ने भाड़े के हत्यारे वाले शख्स को वही क्लिप भेजी, जिसे वो हिटमैन समझ रहा था लेकिन वो सरकारी अंडरकवर एजेंट था।
अगले दिन, निखिल गुप्ता ने कथित हिटमैन (अंडरकवर एजेंट) को बताया कि निज्जर भी हमारा "लक्ष्य था" लेकिन निज्जर सूची में "#4, #3" नंबर पर था, लेकिन "चिंता न करें, अभी हमारे पास बहुत सारे टारगेट हैं।" अभियोग के अनुसार, गुप्ता ने अंडरकवर एजेंट से न्यूयॉर्क में टारगेट को मारने के लिए कहा। गुप्ता ने हिटमैन से कहा- "अब इंतजार करने की कोई जरूरत नहीं है।"
हालांकि अदालती फाइलिंग में टारगेट का नाम नहीं है, लेकिन सिख फॉर जस्टिस के जनरल वकील गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एक्स (ट्विटर) पर एक बयान में कहा कि वो टारगेट था। पन्नू और निज्जर सहकर्मी थे और पन्नू ने कहा है कि उसने सरे (कनाडा) में मारे जाने से एक दिन पहले निज्जर से बात की थी।
देश से और खबरें
मैनहट्टन कोर्ट में निखिल गुप्ता की पेशी के बाद ही कथित भारतीय जेम्स बॉन्ड CC-1 की असलियत सामने आएगी। क्योंकि जो संदेश अमेरिकी एजेंसियों ने पकड़े हैं। जिसमें गुजरात लिंक भी सामने आया है। अमेरिकी कोर्ट के दस्तावेजों के मुताबिक CC-1 ने निखिल गुप्ता से कहा था कि अब उसे न तो गुजरात पुलिस फोन करके परेशान करेगी और न ही कोई केस आगे चलेगा। गुजरात में दर्ज केसों से उसे बाहर निकाल लिया जाएगा। अब यहां प्राग की जांच एजेंसी के बयान पर गौर कीजिए। जिसने निखिल गुप्ता को ड्रग्स की स्मगलिंग से जुडे़ मामले में पकड़ा है। इसका अर्थ यह हुआ कि भारत का CC-1 जानता था कि गुप्ता एक स्मगलर है और उसके माध्यम से टारगेट हासिल किए जा सकते हैं। इस संबंध में सीआईए अधिकारी ने अगस्त में नई दिल्ली का दौरा किया था और सारी बातें भारतीय जासूसी एजेंसी रॉ (रिसर्च एनालिसिस विंग) के अफसरों के सामने रखी थी। अगस्त में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दुबई गए थे और उन्हें भी अमेरिकी अधिकारियों ने मामले से अवगत कराया था। सितंबर में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पीएम मोदी से भी बात की थी। उसी दौरान कनाडा के पीएम ने भी पीएम मोदी से इस मुद्दे पर बात की थी।
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें