भारत और अमेरिका के बीच ‘टू प्लस टू’ वार्ता की तीसरी सालाना बैठक के नतीजों से साफ है कि भारत अब चीन के ख़िलाफ़ अमेरिकी खेमे में खुलकर आ गया है। हालांकि अमेरिका दो दशक पहले से ही काफी गम्भीरता से भारत को अपने खेमे में लाने की कोशिश कर रहा था, लेकिन भारत में इसके लिये राजनीतिक आम राय नहीं बन सकी थी। मनमोहन सिंह की अगुवाई वाली यूपीए सरकार वामदलों का समर्थन नहीं मिलने से आगे नहीं बढ़ सकी थी।
चीन के ख़िलाफ़ अमेरिकी खेमे में खुल कर आया भारत
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- 28 Oct, 2020

भारत और अमेरिका का इस तरह खुलकर साथ आना दुनिया में नये सामरिक समीकरण के उभरने का सूचक है। अमेरिका में आगामी तीन नवम्बर को हो रहे राष्ट्रपति चुनावों की व्यस्तताओं के बीच मात्र एक सप्ताह पहले इस बैठक के लिये अमेरिकी विदेश और रक्षा मंत्रियों माइक पॉम्पियो और मार्क एस्पर का नई दिल्ली आना भारत के साथ रिश्तों की चार खम्भों की बुनियाद पर एक इमारत खड़ी करना अमेरिकी प्रशासन की गम्भीरता का सूचक है।