भारत के 25 हाईकोर्टों में वर्तमान में कार्यरत 769 न्यायाधीशों में से सिर्फ 95, यानी मात्र 12.35%, ने अपनी संपत्ति और देनदारियों को सार्वजनिक रूप से घोषित किया है। इस आंकड़े ने न्यायपालिका में पारदर्शिता और जवाबदेही के मुद्दों पर एक गंभीर बहस को जन्म दे दिया है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के सभी 33 जजों ने अपनी संपत्ति को सार्वजनिक करने का निर्णय लिया है, जो एक पॉजिटिव कदम है। लेकिन हाईकोर्टों में यह स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
हाईकोर्टों के सिर्फ 12% जजों ने ही अपनी संपत्ति घोषित की, मी लार्ड, बाकी कब करेंगे
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- 7 Apr, 2025
अदालतों में ईमानदारी और पारदर्शिता चिंता का विषय बनी हुई है। सुप्रीम कोर्ट के 33% जजों ने अपनी सपत्ति के बारे में जानकारी दी है। वहीं हाईकोर्टों के जज ऐसी जानकारी देने में बहाने बना रहे हैं। हाल ही में एक जज के सरकारी आवास में कैश में आग लग गई, करोड़ों रुपये जल गए। ऐसी घटना के बाद तो कुछ जजों पर सवाल उठ खड़े हुए हैंः
