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मोदी सरकार के एक साल के कार्यकाल में भारत का हाल-बेहाल: अधीर रंजन

‘आज तक’ के ‘ई-एजेंडा’ कार्यक्रम में लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने शनिवार को कहा कि कांग्रेस पार्टी लगातार मांग कर रही है कि ग़रीबों के खाते में पैसा डाला जाना चाहिए लेकिन सरकार ऐसा नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के एक साल के कार्यकाल में भारत का हाल-बेहाल हो चुका है और इसके दृश्य हम हर दिन देख रहे हैं। 

अधीर ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 12 फ़रवरी को ही केंद्र सरकार को कोरोना को लेकर सचेत कर दिया था लेकिन सरकार ने ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कहा कि जब लाखों मजदूर, ग़रीब सड़कों पर भूखे पेट चल रहे हैं, ऐसे में हम चुप्पी साधकर नहीं बैठे रह सकते। 

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पश्चिम बंगाल से आने वाले चौधरी ने कहा कि मोदी सरकार फिजूल की बातें उठाकर अपनी नाकामियों को छिपाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि देश में त्राहि-त्राहि मची हुई है और 100 करोड़ लोगों की जेब में तुरंत पैसा देने की ज़रूरत है। 

लॉकडाउन को लेकर अधीर ने कहा कि 30 जनवरी को जब संक्रमण का पहला मामला सामने आया था, उसके बाद से ही इसे लागू कर दिया जाना चाहिए था, अंतरराष्ट्रीय उड़ान बंद करनी चाहिए थी, ऐसा किया गया होता तो आज ऐसी हालात नहीं होती। उन्होंने कहा कि मार्च में मध्य प्रदेश की सरकार को गिराने के बाद मोदी सरकार को याद आया कि लॉकडाउन लगा दिया जाना चाहिए। 

अधीर ने कहा, ‘अफरा-तफरी में लॉकडाउन लागू कर दिया गया। इसका खामियाजा ग़रीब लोगों को भुगतना पड़ रहा है। जिस तरह ग़रीब सड़कों पर चल रहे हैं, उससे सारी दुनिया में हमारा सिर शर्म से झुक गया है।’

'लोगों से माफ़ी मांगें मोदी'

कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री को स्वीकारना चाहिए कि उनकी ग़लतियों की वजह से देश की दुर्दशा हुई है और उन्हें इस ग़लती के लिए लोगों से माफ़ी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार अगर सोच-समझकर, विचार-विमर्श करके लॉकडाउन घोषित करती तो आज ऐसे हालात नहीं होते। 

अधीर ने कहा, ‘दुनिया के बहुत सारे देशों में लॉकडाउन का पालन हो रहा है लेकिन ऐसा कहीं देखने को नहीं मिला कि सड़कों पर ग़रीबों के काफिले चल रहे हैं, यहां तक कि अफ़्रीका में भी ऐसा देखने को नहीं मिला।’
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क़मर वहीद नक़वी
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